JK Assembly Election 2024: जम्मू-कश्मीर में दस साल बाद हुए विधानसभा चुनाव के लिए 1 अक्टूबर को तीसरे फेज की वोटिंग हो गई थी और 5 अक्टूबर की शाम एग्जिट पोल्स के लगभग सभी नतीजों में यह सामने आया कि केंद्रशासिकत प्रदेश में किसी भी राजनीतिक दल या गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने का अनुमान नहीं है। ऐसे में यह कयास भी लगाए जाने लगे कि क्या नेशनल कॉन्फ्रेंस का बीजेपी का साथ गठबंधन हो सकता है? इसको लेकर एनसी के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने अब अपना रुख स्पष्ट किया है और बीजेपी के साथ गठबंधन की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया है।
दरअसल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी के साथ होने वाले गठबंधन की संभावनाओं से इनकार कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन करेगा, वह जम्मू कश्मीर से गायब हो जाएगी।
फारूक अब्दुल्ला बोले- हमें BJP के खिलाफ मिला वोट
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि हमें जो वोट मिला है, वह बीजेपी के खिलाफ का वोट है, इसलिए हम बीजेपी से गठबंधन नहीं करेंगे। PTI के मुताबिक, फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बीजेपी ने मुसलमानों को मुश्किल में डाला। उनकी दुकानें, घर, मस्जिद और स्कूल बुलडोजर से ध्वस्त कर दिए। अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों को क्या लगता है कि हम उनके साथ गठबंधन कर लेंगे।
उमर अब्दुल्ला बोले- विपक्ष में बैठेंगे
फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर बीजेपी को लगता है कि वह जम्मू कश्मीर में सरकार बना लेगी तो बीजेपी कोयल की दुनिया में रहती है। फारूक अब्दुल्ला के अलावा उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने भी इस मामले में बयान दिया और कहा कि उनके गठबंधन को बहुमत नहीं मिलता है, तो उनकी पार्टी विपक्ष में बैठना ही पसंद करेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की व्यवस्था कश्मीर में किसी भी पार्टी बर्बाद कर देगी।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर को लेकर आए एग्जिट पोल्स में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलता दिख रहा है, जिसके चलते यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि बीजेपी सरकार बनाने के लिए किसी अन्य दल के साथ गठबंध कर सकती है। बता दें कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया था और पूर्ण राज्य का दर्ज खत्म करते हुए इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था।
राज्य में आखिरी चुनाव साल 2014 में हुए थे, जिसमें किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था, जिसके चलते बाद में पीडीपी और बीजेपी की सरकार बनी थी। इसको लेकर बीजेपी की काफी आलोचना हुई थी। हालांकि बीजेपी ने साल 2018 में पीडीपी से गठबंधन तोड़ते हुए सरकार गिरा दी थी।