जम्मू-पठानकोट हाईवे पर सुंजवां आर्मी कैंप पर शनिवार (10 फरवरी) को तड़के करीब 5 बजे आतंकवादियों ने हमला कर दिया। सेना की जवाबी कार्रावाई में आतंकी कैंप में ही छिप गए। सेना आतंकियों से निपटने के अंतिम चरण में हैं। लेकिन जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इस मुद्दे पर अलग ही बहस छिड़ गई। जम्मू-कश्मीर विधानसभा स्पीकर कविंदर गुप्ता ने आतंकी हमले के लिए रोहिंग्या मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया है। कविंदर गुप्ता ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा- ”मैं उस क्षेत्र में रहता हूं, वहां से शिकायतें आईं हैं और सरकार ने भी यह बात स्वीकारी है कि वहां रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की तादात में इजाफा हो रहा है और वे सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे हैं।” उन्होंने कहा- ”मैंने एक लाइव वीडियो देखा, इसमें देखा जा सकता है कि एक आदमी छत से आर्मी एरिया को देख सकता है जहां रोहिंग्या और बांग्लादेशी रहते हैं। वहां ड्रग माफिया भी धंधा चला रहे हैं। पैसों की खातिर कुछ लोगों ने उन्हें रहने के लिए जगह मुहैया कराई है। सरकार को इस बारे में जरूर ध्यान देना चाहिए।”
I live in that constituency, complaints have come from there & in a way govt also accepts that number of Rohingyas & Bangladeshis is increasing & that they are a security threat: J&K Assembly Speaker Kavinder Gupta #SunjwanAttck pic.twitter.com/I07ZKaldDP
— ANI (@ANI) February 10, 2018
इससे पहले सदन में आतंकी हमले को लेकर हुए होहल्ले के बीच स्पीकर ने कहा कि इस हमले की वजह रोहिंग्या समझौता है। स्पीकर के रोहिंग्याओं को जिम्मेदार ठहराने के बाद कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उनसे मांफी मांगने की मांग की। वहीं समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक एक भाजपा विधायक ने सदन में पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए, जिसके चलते 15 मिनट के लिए सदन की कार्रवाई स्थिगित कर फिर से शुरू की गई। बता दें कि सुंजवां आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले में पहले एक हवलदार और उसकी बेटी के घायल होने की खबर आ रही थी, लेकिन अब पता चल रहा है कि एक जेसीओ समेत एक जवान इस आतंकी हमले में शहीद हो गया है और 7 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इनमें सेना के एक मेजर, दो जेसीओ, दो महिलाएं और दो बच्चे शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की आशंका पहले ही जता दी थी। सुरक्षा एजेंसियों ने बताया था कि 9 फरवरी को आतंकी अफजल गुरू की बरसी पर आतंकवादी आतंकी हमलों को अंजाम दे सकते हैं।
मामले पर गृहमंत्रालय भी नजर बनाए हुए है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद्य से इस बारे में बात की है। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को ऑपरेशन के बारे में अवगत कराया है। हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के आतंकियों का हाथ बताया जा रहा है। खबरों के मुताबिक आतंकियों की संख्या 3-4 हो सकती है। ये आतंकी आर्मी कैंप के रिहायशी इलाके में जाली काटकर घुसे थे। आशंका जताई जा रही है कि आतंकी सेना के जवानों समेत उनके परिवार वालों को भी निशाना बनाना चाहते थे। आतंकियों के बारे में पता तब चला जब सेना के जवान मे संदिग्ध हालात में गोली चलाई तो जवाब में आतंकियों तरफ से भी गोलीबारी शुरू कर दी गई। इससे पहले 31 दिसंबर 2017 को आतंकियों ने पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था। जैश के 2 आतंकियों ने अवंतिपुरा के लीथपोरा में अटैक किया था। इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए थे, जबकि घंटों चली जवाबी कार्रवाई के बाद सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकियों को ढेर कर दिया था।
BJP MLAs raised anti-Pakistan slogans in the #JammuAndKashmir Assembly, following which house was adjourned for 15 minutes and the proceedings resumed later. pic.twitter.com/GOEedSXgWM
— ANI (@ANI) February 10, 2018