एक अन्य आतंकी हमले, जिसके तार पाकिस्तान से जुड़े होने का संदेह है, में सीमा सुरक्षा बल के दो कांस्टेबल मारे गए, लेकिन खास बात यह रही कि हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी को 2008 के मुंबई हमले के हमलावर कसाब की ही तरह जिंदा पकड़ लिया गया।

इस खतरनाक हमले में शामिल मोहम्मद नावेद ने एक अन्य उग्रवादी नोमान उर्फ मोमिन के साथ मिलकर आज सुबह करीब 8 बजे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीमा सुरक्षा बल के काफिले पर गोलियां चलाईं। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने भी जवाब में गोलियां चलाई, जिससे नोमान मारा गया, जबकि नावेद पास की पहाड़ियों में एक गांव की तरफ भाग गया, जहां उसने तीन लोगों को बंधक बना लिया।

ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। इस आतंकवादी के जिंदा पकड़े जाने से भारतीय सुरक्षा संगठन को यह साबित करने में मदद मिलेगी कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था। आज का यह हमला पंजाब के गुरदासपुर में हुए आतंकी हमले के एक हफ्ते बाद हुआ है, जिसमें तीन पाकिस्तानी आतंकियों ने सात लोगों की जान ले ली थी।


पूछताछ के दौरान नावेद, जिसकी उम्र 20 साल के आसपास है, कई बार अपना नाम बदलता रहा। पहले उसने कहा कि उसका नाम कासिम खान है, फिर कहा उस्मान और फिर बताया कि उसका नाम दरअसल मोहम्मद नावेद है और उसके परिवार में दो भाई और एक बहन हैं।

नावेद ने बताया कि वह चार अन्य आतंकवादियों के साथ एक महीने पहले इसी तरह के एक अन्य आतंकी मिशन पर कश्मीर घाटी के कुपवाड़ा जिले में घुसा था, लेकिन आगे बढ़ने में नाकाम रहने के कारण वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की तरफ वापस भाग गया।

पकड़े गए आतंकवादी का व्यवहार बहुत अजीब नजर आया। वह टेलीविजन के कैमरों के सामने मुस्कुराता हुआ दिखा और संवाददाताओं के सवालों के जवाब देते हुए इस सब को मजेदार करार दिया। उसका कहना था कि अगर वह इस हमले के दौरान मर जाता तो वह अल्लाह की मर्जी होती।

घटना का ब्यौरा देते हुए पुलिस महानिरीक्षक (जम्मू) दानिश राणा ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल का काफिला जब जम्मू से श्रीनगर के रास्ते में नासू पट्टी पहुंचा तो उग्रवादियों ने उसपर ग्रेनेड फेंके और अंधाधुंध फायरिंग की। हमले में घायल हुए सीमा सुरक्षा बल के 11 कर्मियों को जम्मू के अस्पताल और निकटवर्ती उधमपुर के सैनिक अस्पताल ले जाया गया।

केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमला और इलाके से गुजर रहे अमरनाथ तीर्थयात्रियों में कोई संबंध नहीं है।
आतंकवादियों ने जिस समय सीमा सुरक्षा बल के काफिले पर हमला किया उस समय अमरनाथ तीर्थयात्रियों का एक जत्था वहां से गुजर चुका था।

सिंह ने हमले में मारे गए कांस्टेबल रॉकी और कांस्टेबल शुभेन्दु राय के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने इस संबंध में बल के प्रमुख डी के पाठक से बात भी की। दिल्ली स्थित बल के मुख्यालय में अधिकारियों ने बताया कि कांस्टेबल रॉकी ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए काफिले पर हमला करने वाले उग्रवादी को मार गिराया। रॉकी हरियाणा और राय पश्चिम बंगाल से हैं।

आज के इस हमले की नेशनल कांफ्रेंस ने कड़ी निंदा की और कहा कि भारत को पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देनी चाहिए। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आतंकी हमलों में बेशक पाकिस्तान का हाथ है।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (भारतीय नेतृत्व को) हमारे पड़ोसी देश को कड़ी चेतावनी देनी चाहिए कि हम इसे अब और बर्दाश्त नहीं करेंगे, और बस अब बहुत हुआ। एक तरफ तो वह वार्ता की बात करते हैं और दूसरी तरफ आतंकवादी गतिविधियां जारी हैं।’’

नेशनल कांफ्रेंस के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर की स्थिति पहले से ही खराब है और अब यह नया आतंकवाद शुरू हो गया।