एनआईए ने भारत में आतंकी हमले करने की कथित साजिश के सिलसिले में बुधवार (5 अक्टूबर) को एक शख्स को गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान तमिलनाडु में तिरुनेलवेली के रहने वाले सुबहानी हाजा मोइदीन के रूप में की गई। toi की खबर के मुताबिक, पूछताछ में मोइदीन ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि ट्रेनिंग लेने के लिए उसे मैसूल भेजा गया था और फिर जहां उसे इराकी सेना से लड़ने के लिए तैयार किया गया। आईएस उसे कुल $100 यानी 6,673 रुपए महीना देता था। रहने और खाने का इंतजाम अलग से था। मोइदीन ने कहा, ‘मेरी ट्रेनिंग 30-35 लोगों के बीच हुई। उनमें से ज्यादातर विदेशी थे जिसमें अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, लेबनान, पाकिस्तान और बाकी देशों के लोग थे। हमें ट्रेनिंग देने वाला शख्स अफगान का था। हम लोगों की ट्रेनिंग काफी कड़ी होती थी। ट्रेनिंग के वक्त हमें एक छोटे से कमरे में रखा जाता था और सुबह से लेकर शाम तक ट्रेनिंग चलती ही रहती थी।’ उसने आगे कहा, ‘मुझे 100 डॉलर महीने के दिए जाते थे। इसके अलावा खाना और रहने की जगह उनकी थी।’

मोइदीन ने बताया कि ट्रेनिंग के बाद उसे एक ‘फर्जी लड़ाई’ के लिए भी भेजा गया था। बाद में उसे असली लड़ाई के मैदान में उतार दिया गया। जहां उसे इराक और कुर्द की सेना से लड़ना होता था। जब उसका वहां ‘मन नहीं लगा’ तो वह भागकर इस्तांबुल आ गया। इसके बाद वह दो हफ्तों तक गैरकानूनी तरीके से वहीं पर रहा। इसके बाद उसने भारतीय वाणिज्य दूतावास से संपर्क किया। फिर सिंतबर के अंत में उसे मुंबई के रास्ते भारत लाया गया। तब से अबतक वह केरल की एक दुकान पर काम कर रहा था लेकिन कुछ दिनों पहले ही वह फिर से आईएस के संपर्क में आ गया था। वह कुछ न्याधीशों और संघ के नेताओं को मारना चाहता था।

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सूत्रों के अनुसार मोइदीन कथित तौर पर एकमात्र ऐसा भारतीय है जिसे इराक के मोसुल में युद्ध का कड़ा प्रशिक्षण दिया गया। एनआईए ने एक बयान में कहा कि आरोपी ने देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची थी और वह तमिलनाडु में पटाखा कारखानों से रासायनिक विस्फोटक जमा करने की योजना बना रहा था। बयान में कहा गया कि आरोपी में सोशल मीडिया मंचों के जरिये कट्टरपंथ भरा गया और आईएसआईएस में उसकी भर्ती की गयी। वह ‘उमरा’ के नाम पर पिछले साल चेन्नई से इंस्ताबुल रवाना हुआ था। इंस्ताबुल पहुंचने के बाद वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रहने वाले दूसरे लोगों के साथ आतंकी संगठन के नियंत्रण वाले इराकी क्षेत्र में चला गया था।

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