झारखंड की राजनीति में हलचल मची हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के जेएमएम छोड़ने से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुश्किल में हैं। हेमंत सोरेन अब चंपई सोरेन का विकल्प तलाशने में लगे हैं। इसी क्रम में उन्होंने शुक्रवार को मंत्रिमंडल का विस्तार किया और आदिवासी नेता रामदास सोरेन को मंत्री पद की शपथ दिलवाई। रामदास सोरेन ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है और उन्हें वही सारे विभाग दिए जा सकते हैं जो चंपई सोरेन के पास थे।

संथाल आदिवासी समाज से आते हैं रामदास सोरेन

रामदास सोरेन संथाल आदिवासी समाज से आते हैं, जिस समाज से चंपई सोरेन भी आते हैं। इसके अलावा रामदास सोरेन को चंपई का करीबी माना जाता है। ऐसे में साफ दिख रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बगावत थामने की कोशिश की है। बता दें कि जब से चंपई सोरेन ने पार्टी छोड़ी है, उसके बाद से अभी तक हेमंत सोरेन ने कोई टिप्पणी नहीं की है।

कोल्हान मंडल को साधने की कोशिश

झारखंड के कोल्हान क्षेत्र में चंपई सोरेन का अच्छा खासा प्रभाव है और जेएमएम में पार्टी कार्यकर्ता से लेकर सीएम पद तक वह पहुंचे हैं। वहीं अब रामदास सोरेन को मंत्री बनाया गया है। रामदास सोरेन घाटशिला से विधायक हैं, जो पूर्वी सिंहभूम जिले में आती है। कोल्हान मंडल में तीन जिले आते हैं। इन जिलों के नाम पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम है। इन तीनों जिलों में 14 विधानसभा सीटें हैं।

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चंपई सोरेन के प्रभाव को आप इससे ही समझ सकते हैं कि 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इन 14 में से एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी। यहां तक कि मुख्यमंत्री रघुवर दास खुद कोल्हान मंडल की एक विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे। उन्हें निर्दलीय और बीजेपी के बागी सरयू राय ने हराया था। तो वहीं 11 सीट पर जेएमएम ने जीत हासिल की थी और दो सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी, जो इंडिया एलायंस का हिस्सा है।

रामदास सोरेन का चुनावी सफर

रामदास सोरेन संथाल आदिवासी समुदाय से आते हैं। वह पूर्वी सिंहभूम जिले के जिला अध्यक्ष भी हैं। रामदास सोरेन भी कई बार आंदोलन के दौरान जेल में जा चुके हैं और उन्होंने अपनी राजनीति निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर शुरू की थी। साल 2005 में रामदास सोरेन ने पहली बार निर्दलीय चुनाव लड़ा था और हार गए थे। इसके बाद 2009 में वह जेएमएम के टिकट पर घाटशिला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2014 के चुनाव में रामदास सोरेन को भाजपा प्रत्याशी ने हरा दिया।

वहीं 2020 में हेमंत सोरेन ने रामदास पर एक पर फिर से भरोसा जताया और वह चुनाव जीत गए। जेएमएम की सरकार बनी लेकिन उन्हें कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया गया। अब जब चंपई सोरेन ने पार्टी छोड़ दी है, तब रामदास सोरेन के अच्छे दिन आ गए हैं और उन्हें हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बनाया गया है। अब रामदास सोरेन की जिम्मेदारी को कोल्हान मंडल में जेएमएम को बढ़त दिलवाने की होगी क्योंकि चंपई के बीजेपी में आने से जेएमएम को झटका जरूर लगा है।