झारखंड सरकार ने राज्य में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। जिसमें 1,000 रुपये की मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल करने के पॉइंट शामिल हैं।  झारखंड कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने कहा कि जो ट्रांसजेंडर आरक्षण की किसी भी श्रेणी के अंतर्गत नहीं आते हैं, उन्हें ओबीसी सूची में शामिल किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक उन्हें तीसरे जेंडर के तौर पर भी मान्यता दी जाएगी। झारखंड में ट्रांसजेंडरों को ओबीसी सूची में शामिल करने पर सीएम हेमंत सोरेन का कहना है, “सरकार ने उन लोगों तक पहुंचने का फैसला लिया है, जिनके बारे में किसी ने नहीं सोचा था।” 

क्या बोले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन? 

सीएम हेमंत सोरेन ने इस दौरान कहा कि हमने ट्रांसजेंडरों को ओबीसी सूची में शामिल करने की ओर कदम बढ़ाए हैं, यह  बात यहीं खत्म नहीं होती है, आज का फैसला और उसका परिणाम इसी को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है कि हम चाहते हैं कि नागरिकों को समान अधिकार मिलें।

समाज कल्याण आयुक्त कृपानंद झा ने पहले कहा था कि मासिक पेंशन योजना मुख्यमंत्री राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत लागू की जाएगी और उन ट्रांसजेंडरों को लाभान्वित किया जाएगा जो 18 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और उनके पास मतदाता पहचान पत्र हैं।

उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को अपने आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, बैंक पासबुक और उपायुक्त द्वारा जारी ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र जमा कराने होंगे। पेंशन राशि हर महीने की पांच तारीख तक उनके बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। हालांकि जो लोग पहले से ही पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, आयकर का भुगतान कर रहे हैं या सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत कोई अन्य लाभ ले रहे हैं, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।

ट्रांसजेंडर समुदाय ने खुशी जताई 

ट्रांसजेंडर समुदाय ने सरकार के फैसले के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे उन्हें बुढ़ापे में कुछ राहत और सम्मान मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपने दैनिक जीवन में कई चुनौतियों और भेदभाव का सामना करना पड़ता है और उनके पास आय या समर्थन का कोई अन्य जरिया नहीं है।