बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ दिन पहले पटना में एक कार्यक्रम में महिला डॉक्टर का हिजाब हटा दिया था। इस महिला डॉक्टर के लिए झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने बड़ी पेशकश की है।
हिजाब हटाने की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई और इससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया।
पीटीआई के अनुसार, अंसारी ने कहा, “मैंने महिला डॉक्टर को झारखंड बुलाया है और उन्हें 3 लाख रुपये मासिक वेतन, सरकारी फ्लैट, उनकी पसंद की पोस्टिंग और पूरी सुरक्षा के साथ नौकरी की पेशकश की है।”
अंसारी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने एक महिला का हिजाब हटाकर हिजाब और मुस्लिम समुदाय को अपमानित करने की कोशिश की है।
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गरिमा, सम्मान और संविधान पर सीधा हमला- अंसारी
अंसारी ने जामताड़ा में पत्रकारों से कहा, ‘‘जिस तरह एक डॉक्टर और एक महिला को अपमानित किया गया और उनके हिजाब को खींचकर अभद्र व्यवहार किया गया, वह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि यह इंसान की गरिमा, सम्मान और संविधान पर सीधा हमला है।’’
मुख्यमंत्री सचिवालय में हुई थी घटना
हिजाब हटाने की यह घटना कुछ दिन पहले पटना में मुख्यमंत्री सचिवालय में हुई, जब आयुष डॉक्टर अपनी नियुक्ति पत्र प्राप्त करने के लिए आए थे। जब महिला अपना नियुक्ति पत्र लेने आयी, तब नीतीश कुमार ने उसका हिजाब देखा और पूछा “यह क्या है?” और फिर हिजाब हटा दिया।
अंसारी की इस पेशकश को बीजेपी के पूर्व विधायक भानु प्रताप शाही ने तुष्टीकरण की राजनीति बताया। शाही ने अंसारी से सवाल किया कि वह किस रोजगार नीति के तहत बिहार की एक डॉक्टर को नौकरी देंगे। उन्होंने यह भी सवाल किया कि वह झारखंड के बेटे-बेटियों को नौकरी क्यों नहीं देते? उन्होंने कहा, ‘‘यह तुष्टीकरण की हद है। झारखंड झारखंडियों का है…अपना फैसला वापस लें।’’
महिला डॉक्टर को शनिवार शाम 6 बजे तक पटना सदर के अंतर्गत आने वाले सबलपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में उपस्थित होना था लेकिन वह अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंचीं।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने की निंदा
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने इस मामले में शनिवार को एक पत्र जारी किया और इस घटना की कड़ी निंदा की। पत्र में कहा गया है कि यह चौंकाने वाली बात है कि इतने ऊंचे पद पर बैठा कोई व्यक्ति महिला के सिर से हिजाब खींचकर उसकी गरिमा या निर्णय लेने की आजादी को ठेस पहुंचाने की कोशिश करे।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद द्वारा इस मामले में की गई टिप्पणियों की भी निंदा की गई और कहा गया कि ऐसी टिप्पणियां महिलाओं की गरिमा को कम करती हैं। बार एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री और अन्य लोगों से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की गई है।
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