जमीन पर कब्जा करने की कोशिशें कोई नई बात नहीं है। देश भर में अक्सर ऐसी वारदातें सामनेआती रहती हैं। लेकिन झारखंड हाईकोर्ट जमीन कब्जाने की वारदातों से इतना ज्यादा खफा हुआ कि उसने पूरे सरकारी सिस्टम को ही हिलाकर रख दिया। चीफ सेक्रेट्री के साथ प्रिंसिपल सेक्रेट्री (होम), एसएसपी रांची के साथ रांची के लोअर बाजार पुलिस थाने के अमले को तीखी फटकार लगाने के साथ हिदायतें भी जारी कर डाली।
दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट के संज्ञान में वो मामला आया जिसमें सुप्रीम कोर्ट के दिवंगत जस्टिस एमवाई इकबाल की जमीन पर दिनदहाड़े कब्जा करने की कोशिश की गई। दिवंगत जस्टिस की जमीन रांची के लोअर बाजार इलाके में थी। खबर का पता चलने के बाद हाईकोर्ट बिफर पड़ा।
एडिशनल डीजीपी को दिया जांच का जिम्मा, कहा- सूबे में सक्रिय हैं ऐसे गैंग
हाईकोर्ट ने एडिशनल डीजीपी आरआर मलिक को जांच का जिम्मा देते हुए कहा कि दिवंगत जस्टिस इकबाल के मामले की तह में जाकर जांच करें। डीजीपी को कहा गया है कि वो पता लगाए कि क्या पुलिस की इसमें कोई भूमिका थी। या फिर पुलिस ने अपनी ड्यूटी को सही से अंजाम नहीं दिया। जस्टिस श्रीचंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा ने अपने आदेश में कहा कि किसकी जमीन पर कब्जे की कोशिश हुई ये अहम नहीं है। अलबत्ता ये बात महत्वपूर्ण है कि झारखंड में ऐसे गैंग काम कर रहे हैं जो जमीन पर जबरन कब्जा करते रहते हैं। कोर्ट इस बात से आहत है।
कोर्ट बोली- हम नहीं मान सकते कि सरकार व प्रशासन को खबर नहीं
जस्टिस श्रीचंद्रशेखर और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा ने कहा कि वो समझते हैं कि स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन को सारी चीजों का पता है, क्योंकि जमीन कब्जाने को लेकर कई याचिकाएं हाईकोर्ट में लंबित हैं। ऐसा हो ही नहीं सकता कि मामला कोर्ट तक पहुंच जाए और प्रशासन व सरकार को खबर न हो। कोर्ट ने कहा कि वो मानती है कि इस तरह की वारदातों से आम जन प्रभावित होता है। उसका समूचे सिस्टम से भी भरोसा उठ जाता है। कोर्ट ने सरकार के टॉप अमले से पूछा कि वो बताए कि उन्होंने इस तरह की वारदातों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए। मामले की सुनवाई 18 जुलाई को होगी।