झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान आज हो चुका है। झारखंड में 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होंगे, नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गए हैं। झारखंड में उम्मीदवारों के नामों पर मंथन के लिए बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की मंगलवार शाम बैठक हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी एल संतोष भी इस बैठक में शामिल रहे। इस बैठक में संभावित उम्मीदवारों के नामों पर मंथन किया गया।

झारखंड चुनाव पर मंथन

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, झारखंड की भाजपा प्रभारी अन्नपूर्णा देवी और संजय सेठ के अलावा पार्टी की झारखंड इकाई के प्रमुख बाबूलाल मरांडी और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी बैठक में मौजूद थे। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) छोड़कर हाल ही में भाजपा में शामिल हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने भी बैठक में भाग लिया।

झारखंड में भाजपा जनता दल (यूनाइटेड) और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है, वहीं वह केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने पर भी विचार कर सकती है। साल 2019 के विधानसभा चुनावों में, झामुमो ने 81 सीटों में से 30 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 16 और राजद ने एक सीट जीती थी।

तीनों दलों ने बहुमत के साथ गठबंधन सरकार बनाई। भाजपा ने 2014 में 37 सीट जीती थी लेकिन 2019 में वह 25 सीटों पर सिमट गई थी। आजसू पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा था और वह दो सीट ही जीत सकी थी।

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झारखंड चुनाव में 2 करोड़ 60 लाख मतदाता वोट डालेंगे। 1 करोड़ 31 लाख महिला मतदाता हैं जबकि 1 करोड़ 29 लाख पुरुष मतदाता हैं। झारखंड में 85 साल से ऊपर के एक 1,85,000 मतदाता हैं। उनके लिए घर से वोट डालने की सुविधा भी उपलब्ध होगी। झारखंड में कुल 29,562 पोलिंग स्टेशन पर वोट डाले जाएंगे।

झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं। 44 सीटें सामान्य जातियों के लिए हैं। जबकि 28 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं तो वहीं 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।