झारखंड में दूसरे चरण के चुनाव में तमाड़ विधानसभा सीट पर मुकाबला बेहद अनोखा है। यहां चुनाव उम्मीदवार के रूप में एक मर्डर का आरोपी, कथित साजिशकर्ता और मृतक के बेटे के बीच चुनावी टक्कर देखने को मिल रही है। इनमें से दो लोगों ने जेल से ही अपना चुनाव प्रचार किया।
तमाड़ विधानसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विकास मुंडा को उम्मीदवार बनाया है। विकास पूर्व विधायक रमेश मुंडा के बेटे हैं जिनकी साल 2008 हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के मामले में मुख्य आरोपी कुंदन पाहन झारखंड पार्टी की तरफ से चुनावी मैदान में हैं। हत्या के मामले में साजिशकर्ता गोपाल कृष्ण पातर ऊर्फ राजा पीटर भी एनसीपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।
विकास मुंडा खुद अपना चुनाव प्रचार किया जबकि दो अन्य उम्मीदवार कुंदन पाहन और राजा पीटर जेल में बंद हैं। इन दोनों के लिए उनके परिवारवालों ने चुनाव प्रचार किया। रमेश मुंडा साल 2008 में जब जदयू की तरफ से विधायक थे, तब उनकी हत्या कर दी गई थी। कुंदन व अन्य माओवादियों ने रमेश मुंडा की कथित रूप से हत्या की थी।
पुलिस ने कहा था कि कुंदन 128 आपराधिक मामले में वांछित था। उनसे साल 2017 में आत्मसमर्पण कर दिया। कुंदन के बड़े भाई हरी ने कहा कि हमारी जमीन को जबरदस्ती हमसे छीन लिया गया था। इसके बाद कुंदन माओवादी बन गया था। अब उसने सरेंडर कर दिया है, वह चुनाव लड़ना चाहता था और हमने उसके चुनाव प्रचार में मदद की।
कुंदन के एनआईए के सामने यह स्वीकार किया कि विधायक रमेश मुंडा की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता राजा पीटर था। एनआईए ने कहा था कि राजनीतिक महत्वाकांक्षा के तहत राजा पीटर ने माओवादियों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी। इतना ही नहीं विधायक की हत्या के बाद हुए उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए भी उसने माओवादियों की मदद ली। इसके बाद वह झारखंड सरकार में मंत्री भी बन गया।
हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान पीटर की पत्नी आरती ने कहा कि उनके पति के खिलाफ लगाए गए आरोप आधारहीन हैं और जनता इस बात को जानती है। लोगों का कहना है कि पीटर की पत्नी जनता की सहानुभूति के तहत वोट हासिल करना चाहती हैं। पीटर उप चुनाव में झामुमो के मुखिया शिबू सोरेन को हरा चुका है।