झारखंड के हजारीबाग जिले में रामनवमी के मौके पर रविवार को हिंसा और आगजनी के बाद अनिश्चितकालिन कर्फ्यू लगा दिया गया है। घटना नगरपालिका क्षेत्र और पुलिस स्टेशन के पास के इलाके की है। एक दर्जन से ज्यादा दुकानों और आधा दर्जन से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। इस दौरान तीन लोगों की मौत होने की खबर है। हालांकि, जिला प्रशासन का कहना है कि व्यक्तिगत दुश्मनी की वजह से दो मौत हिंसा शुरू होने से पहले हो गई थीं। प्रशासन ने कहा कि तीसरी मौत का पता हिंसा के बाद पता लगा और इसका पता किया जा रहा है कि यह मौत हिंसा की वजह से हुई है या फिर इसका कोई और कारण है। शांति बनाए रखने के लिए इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स की एक कंपनी को तैनात किया गया है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से भी शांति बरकरार रखने में मदद करने की अपील की है। बता दें कि शुक्रवार शाम को भी हिंसा और आगजनी की घटना जिले के पांडु गांव में हुई थी। इसमें एक दर्जन घरों को आग के हवाले कर दिया गया और पत्थरबाजी में एक युवक की मौत हो गई थी।

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पुलिस ने बताया कि हिंसा उस वक्त शुरू हुई जब शहर के खीरगांव इलाके से जुलूस निकालते हुए स्पीकर से कुछ कथित आपत्तिजनक ऑडियो बजाए गए। परंपरा के मुताबिक शहर में रामनवमी जुलूस नवरात्री खत्म होने के बाद दसवें दिन निकाला जाता है। 100 से ज्यादा जुलूस निकाले जाने की योजना थी, यह शनिवार शाम से शुरू हुआ था और रविवार दोपहर तक खत्म होने की संभावना थी। सुबह करीब 11 बजे जब एक जुलूस खीरगांव से गुजर रहा था तो अन्य समुदाय के लोगों ने उसे रोक दिया, जो बाद में पथराव पर उतर आए। उसके बाद भारी संख्या में लोग इकट्ठे हो गए और हिंसा शुरू हो गई। भीड़ में शामिल लोगों ने आगजनी शुरू कर दी।

हजारीबाग के डीआईजी उपेंद्र प्रसाद ने बताया कि रोड के किनारे और मस्जिद के पास मौजूद एक दर्जन से ज्यादा छोटी दुकानों को निशाना बनाया गया। भीड़ ने टू-व्हिलर्स और कुछ फोर व्हिलर्स को आग के हवाले कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने गैराज के बाहर खड़े वाहनों में भी आग लगा दी। अभी जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक अन्य समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया है कि जुलूस में स्पीकर्स से कुछ आपत्तिजनक ऑडियो बजाया गया था, जिसके बाद उन्हें गुस्सा आया और वे हिंसा पर उतारु हो गए। जुलूस में म्यूजिक बजाने पर पूरी तरह से रोक नहीं है, लेकिन म्यूजिक धीमी आवाज में बजाना होता है।

ऑडियो की सामग्री किस तरह की थी इस बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि इसमें देश का बहुसंख्यक समुदाय का होने के बारे में जिक्र था। यह एक गाने के रूप में था, ना कि किसी का रिकोर्ड किया हुआ भाषण था। हालांकि, अब मामले की अतिरिक्त जांच कर रहे हैं। पुलिस वहां मौजूद थी और यह स्थिति कुछ समय के लिए ही थी। हालांकि, जब गुस्साई भीड़ ने उनके रास्ते में आने वाली हर चीज को आगे के हवाले करना शुरू कर दिया तो हमने स्थानीय पुलिस के साथ आरएएफ की टुकड़ी को तैनात किया। अभी तनाव है लेकिन स्थिति नियंत्रण में है।

डीआईजी ने भैरो यादव नाम के एक युवक के हिंसा के बाद मृत पाए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि उसके कंधे और गर्दन के बीच के हिस्से पर तेज धार वाले हथियार के निशान देखने को मिले हैं। यह पता करने में थोड़ा वक्त लगेगा कि उस पर हमला किसने और कब किया।

टाउन इलाके और पुलिस स्टेशन के पास के क्षेत्र में अनिश्चितकालिन कर्फ्यू की पुष्टि करते हुए हजारीबाग के डिप्टी कमीश्नर मुकेश कुमार ने बताया कि हिंसा क्यों भड़की इसके बारे में अलग-अलग लोगों का अलग-अलग मत है। एक पक्ष आपत्तिजनक ऑडिया बजाने का है, लेकिन हम जांच कर रहे हैं। आरएएफ की तैनाती कर दी गई है। हम कर्फ्यू का रिव्यू करेंगे और उसके बाद इसे हटाने का फैसला करेंगे।

कुमार ने साथ ही कहा कि जुलूस के दौरान कुल तीन मौत हुई हैं। इनमें से दो की मौत हिंसा शुरू होने से पहले हुई थी। इसकी वजह व्यक्तिगत दुश्मनी बताई जा रही है। तीसरी मौत की खबर हिंसा के बाद आई। युवक के शरीर पर तेज धार वाले हथियार के निशान हैं। दोनों समुदाय के लोग जब आमने-सामने हुए तो पत्थरबाजी भी हुई। इसलिए हम तीसरी मौत की वजह की जांच करेंगे।