मानसून सत्र को शुरू हुए करीब 10 दिन हो चुके हैं लेकिन विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन के कारण संसद के दोनों सदनों में हर दिन कार्यवाही टाली गई है। पेगासस जासूसी कांड, किसान आंदोलन और कोरोना वायरस महामारी के मुद्दे पर विपक्षी सांसद सदन के अंदर केंद्र सरकार को लगातार घेर रहे हैं। इसी से जुड़े एक मुद्दे पर टीवी डिबेट के दौरान जदयू नेता केसी त्यागी ने संसद के अंदर की बात बताते हुए कहा कि एक बार सदन के अंदर किसानों के मौत की वजह प्रेम प्रसंग बताई गई थी।  

दरअसल न्यूज 24 पर आयोजित टीवी डिबेट के दौरान एंकर संदीप चौधरी ने जदयू नेता केसी त्यागी से सवाल पूछते हुए कहा कि अगर सिर्फ 11 प्रतिशत बिल ही स्टैंडिंग कमेटी में भेजे जा रहे हैं तो संसद की क्या जरूरत है। इसके जवाब में जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि अब तो अध्यादेशों पर भी बहस होनी बंद हो गई है। 9वीं लोकसभा तक कमेटी का कोई प्रावधान नहीं था बल्कि ये 10वीं लोकसभा के बाद हुआ है।

आगे केसी त्यागी ने संसद के अंदर की बताते हुए कहा कि मेरे कई मंत्री दोस्त कहते थे कि संसद ना चलना उनके लिए सबसे राहत की बात होती है, क्योंकि उन्हें सांसदों के सवालों का जवाब देना होता है। आगे उन्होंने कहा कि मंत्री लोग अक्सर अपने अधिकारियों के द्वारा लिखे गए बयान को पढ़ देते हैं। इसके बाद उन्होंने इससे जुड़ा एक वाकया भी सुनाया।

केसी त्यागी ने कहा कि एक बार उन्होंने राज्यसभा में कृषि मंत्री से किसानों की मौत को लेकर सवाल पूछा था। जिसके बाद कृषि मंत्री का जो जवाब आया उसमें बढ़ती महंगाई और कर्जे सहित कई दूसरे कारण थे। आगे उन्होंने कहा कि दो ऐसे कारण भी लिखे हुए थे जिसे लेकर काफी हंगामा हुआ था। जवाब में लिखा गया था कि किसानों में बढ़ती नपुंसकता और प्रेम प्रसंगों में नाकामी भी मौत का कारण है। 

साथ ही जदयू नेता ने कहा कि उस दौरान एनसीपी नेता शरद उनसे आगे की सीट पर बैठे हुए थ। कृषि मंत्री के इस जवाब को लेकर मैंने उनसे भी कहा कि आप भी कृषि मंत्री रहे हैं आखिर ये क्या है। आगे केसी त्यागी ने कहा कि लेकिन संसद में अक्सर ऐसा होता है कि ऐसे सवालों पर विपक्षी दल और सत्ताधारी दल भी एक हो जाते हैं। मेरे इस सवाल पर भी यही हुआ। सभी दलों ने कृषि मंत्री के इस जवाब की निंदा की। बाद में मंत्री जी को यह कहकर माफ़ी मांगना पड़ा कि उन्होंने इस जवाब को पहले नहीं पढ़ा था।