एनडीए के साथी और लंबे समय तक सहयोगी रहने के बाद शिवसेना ने राफेल फाइटर जेट सौदे में जेपीसी जांच के लिए कांग्रेस के कोरस में शामिल हो गई। अब बीजेपी की एक और सहयोगी जेडीयू भी झटका देने के मूड में है। जेडीयू ने कहा है कि अगर राज्यसभा में पारित होने के लिए ट्रिपल तलाक बिल आता है तो वह सरकार के खिलाफ मतदान करेगी। विधेयक की आलोचना करते हुए, जद (यू) ने इसे “जल्दबाजी” बताया है। वहीं, पूरा विपक्ष भाजपा के इस बहुप्रतीक्षित बिल को एंटी मुस्लिम करार दे रहा है। सहयोगियों के इस बिल पर साथ न आने को लेकर सूत्रों ने बताया है कि, राज्य सभा में बीजेपी बहस तो कर सकती है लेकिन वोटिंग का दबाव नहीं डालेगी।

न्यूज चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए जेडीयू के सीनियर लीडर वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा, ‘भाजपा तीन तलाक बिल को जल्दबाजी में ला रही है। अभी इस पर और ज्यादा विमर्श की जरूरत है। हमें लगता है कि अभी इससे बचना चाहिए’। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘अगर तीन तलाक बिल राज्य सभा में आता है तो जेडीयू सरकार के खिलाफ जाते हुए वोट करेगी’।

तीन तलाक पर जेडीयू के रूखे रुख को देख भारतीय जनता पार्टी भड़की हुई है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सीपी ठाकुर ने बिना नाम लिए जेडीयू पर भी वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, कुछ दल वोट बैंक के चलते डर रहे हैं। उन पार्टियों को लगता है कि अगर तीन तलाक पर भाजपा का साथ दिया तो उनको खास समुदाय से मिलने वाले वोट खिसक सकता है।

इसके साथ ही कई रिपोर्ट्स कहा गया है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने राज्य के विधि आयोग से इस पर राय मांगी है। उन्होंने पूछा कि क्या पार्टी अल्पसंख्यक समुदाय पर एक एजेंडा लागू कर सकती है। वहीं दूसरी ओर सूत्रों के हवाले से खबरें यह भी हैं कि जेडीयू को इस बिल के क्रिमिनलाइजेशन क्लॉज से समस्या है। इस बिल के तहत 3 साल जेल की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही जेडीयू मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों से बात किए बिना भी इस पर कोई स्टैंड लेने के मूड में नहीं है।

वहीं, अब भारतीय जनता पार्टी अपनी सहयोगी जेडीयू के पीछे हटने के कारण राज्यसभा में असमंजस की स्थिति में आ गई है। बीजेपी के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है लेकिन संसद के उच्च सदन में बिल पास कराने के लिए दूसरों के समर्थन के सहारे है। सहयोगियों के पीछे हटने के चलते भाजपा के पक्ष में बिल के लिए पर्याप्त वोटिंग की संभावना न के बराबर है। इस पर सूत्रों ने बताया कि, राज्य सभा में ऐसे बिगड़े समीकरण के कारण बीजेपी बहस तो कर सकती है लेकिन वोटिंग का दबाव नहीं डालेगी।