JDU Prashant Kishor, CM Nitish: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पार्टी अध्यक्ष तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बंद कमरे में हुई बैठक के बाद कहा कि वह नये नागरिकता कानून को लेकर अपने रुख पर कायम हैं। गौरतलब है कि किशोर ने नागरिकता कानून (Citizenship Act)का उनकी पार्टी द्वारा समर्थन किए जाने की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी।
प्रशांत किशोर का बयान: सीएम नीतीश से मुलाकात के बाद किशोर ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून ‘‘बड़ी चिंता की बात नहीं है’’ लेकिन यह प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के साथ मिलकर समस्या बन सकता है। कानून में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने प्रावधान है जबकि एनआरसी में भारत के सभी वास्तविक नागरिकों का नाम होगा। इससे पहले किशोर ने ट्वीट किया था कि यह कानून NRC के साथ मिलकर व्यवस्थित ढंग से लोगों के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव और यहां तक कि उन्हें प्रताड़ित करने के लिये घातक गठजोड़ बन सकता है। गौरतलब है कि इस मुद्दे पर JDU ने बिल पास कराने में BJP का सदन में साथ दिया था।
सीएम नीतीश से की मुलाकात: शनिवार को नीतीश के साथ लगभग एक घंटे तक नागरिकता कानून को लेकर किशोर ने चर्चा की। जेडीयू उपाध्यक्ष किशोर ने बैठक के बाद कहा, ‘‘पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते उन्हें (नीतीश कुमार को) तय करना है कि कौन सही है और कौन नहीं। मैंने जो विचार प्रकट किये, उन पर कायम हूं। मुझे नहीं लगता कि पार्टी में मेरा कोई दुश्मन है।’’
जेडीयू सांसद ने दिया यह बयान: शुक्रवार को प्रशांत किशोर पर एक सवाल के जवाब में, सांसद आरसीपी सिंह ने कहा, “वह पार्टी में कब आए? संगठन का कौन सा काम उन्होंने किया है और वह अब कहां काम कर रहे हैं?” इसके बाद उन्होंने कहा, “हमारे नेता, नीतीश कुमार ने उन्हें इतना सम्मान दिया। लेकिन देखो वह अब क्या कर रहे हैं। ऐसे लोग ‘अनुकंपा’ आधार पर आए हैं और उन्हें लगता है कि वे उन नेताओं के सामने खड़े होंगे जो अपने कामों के आधार पर उठे हैं। केवल ट्वीट लिखने से कुछ नहीं होगा।”