बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के नीतीश कुमार के फैसले से उनकी ही पार्टी (जनता दल यूनाइटेड) के कुछ नेता नाराज हैं। पार्टी महासचिव अरुण श्रीवास्तव ने कहा है कि शरद जी नीतीश कुमार के फैसले को लेकर चिंतित हैं। एक-दो दिन में शरद जी सभी राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं से बात करेंगे। इस बीच, केरल से जेडीयू के राज्यसभा सांसद वीरेंद्र कुमार और अली अनवर ने पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की है। इससे पहले शरद यादव खुद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से बात कर चुके हैं। राहुल गांधी ने नीतीश के कदम को सबसे बड़ा धोखा करार दिया है।
इस बीच, खबरें यह भी आ रही हैं कि इस नई राजनीतिक गठजोड़ के अगुवा और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली शरद यादव से मुलाकात करने वाले हैं। माना जा रहा है कि 70 साल के शरद यादव और 70 साल के लालू यादव मिलकर 66 साल के नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं। बहरहाल, घटनाक्रम इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है कि इन दोनों नेताओं द्वारा नीतीश के खिलाफ कुछ भी कदम उठाने से पहले नीतीश कुमार विधानसभा में बहुमत परीक्षण पास कर सकते हैं। 28 जुलाई को नीतीश कुमार को बिहार विधानसभा में बहुमत सिद्ध करना है। इधर, राजद अध्यक्ष लालू यादव का कहना है कि वे सुप्रीम कोर्ट में जेडीयू-भाजपा की सरकार बनने के खिलाफ अपील पर विचार कर रहे हैं।
इसबीच, आरजेडी के विधायक माहेश्वर यादव ने कहा कि हमारी पार्टी के ज्यादातर विधायकों का मानना था कि तेजस्वी यादव की डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था, ताकि गठबंधन और सरकार बची रहे। उन्होंने आगे कहा कि नीतीश जी की आदत है कि वो अपने गठबंधन में दागी व्यक्ति को नहीं रखते हैं, इसलिए गठबंधन टूट गया। लालू यादव के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आरजेडी विधायक ने कहा कि बच्चों और परिवार का प्रेम इंसान को राजनीति में कमजोर बना देता है। नीतीश कुमार हमेशा अकेले और ईमानदारी से चले। इसी वजह से वो कामयाब हैं।
गौरतलब है कि बुधवार को कई घंटों तक चले सियासी ड्रामे के बाद शाम करीब साढ़े छह बजे नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि उनके लिए मौजूदा परिस्थितियों में सरकार चलाना मुश्किल हो रहा था।