अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों की एकता को मजबूत करने के लिए 17 और 18 जुलाई 2023 को बेंगलुरु में हुई दो दिनी बैठक से बिहार के सीएम नीतीश कुमार के जल्द लौट जाने का मुद्दा सुर्खियों में है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। यह भी कहा जा रहा है कि वे कुछ मुद्दों पर नाराज थे। इन मुद्दों में एक गठबंधन का नाम अंग्रेजी के शब्द से बनाने का मुद्दा भी है। ऐसी चर्चा है कि वे इस पर बिना सबसे बात किए सीधे प्रस्ताव लाकर समर्थन जताए जाने के पक्ष में नहीं थे। हालांकि उनकी पार्टी की ओर से उनके जल्द लौट आने की वजह दूसरी बताई जा रही है।
सीएम ने कहा, हम सब एकजुट हैं, 2024 विपक्ष के लिए बहुत अच्छा रहेगा
बुधवार को राजगीर के एक कार्यक्रम में पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने भी इस मुद्दे पर मीडिया के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी बातें पूरी तरह से गलत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में सभी बातों पर चर्चा होने के बाद ही वे निकले थे। उन्होंने कहा कि वे वहां से जल्दी इसलिए निकल आए क्योंकि उन्हें राजगीर आना था। सीएम ने कहा, देशहित के लिए हम सब साथ हैं। मीटिंग में जो बातें हमने कहीं वे सब मानी गईं। हम सब एकजुट हैं और 2024 का चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे। 2024 विपक्ष के लिए बहुत अच्छा रहेगा।”
दूसरी तरफ जदयू नेता ललन सिंह ने नीतीश कुमार के असंतुष्ट होने के कयासों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “नीतीश कुमार वह नेता हैं जिन्होंने विपक्ष को एकजुट किया, और एक ऐसे इंसान हैं जो सब को एक साथ लाए। वे कभी नाराज नहीं हो सकते हैं।”
केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ एकजुट होने के लिए विपक्ष की महीनों से चल रही कवायद के बाद बना गठबंधन अब ठोस रूप ले चुका है। इसमें शामिल सभी 26 दलों के नेता पटना और बेंगलुरु के बाद अब मुंबई में फिर मिलेंगे। सभी नेता इस गठबंधन को मजबूत और 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को सत्ता से हटाने में सक्षम होने का दावा कर रहे हैं।