बिहार में सत्‍ताधारी दल जदयू के लिए मंगलवार को दो विधायकाें ने शर्मनाक स्थिति पैदा कर दी। हत्या की राजनीति करने से जुड़े बयान देने वाले जेडीयू विधायक गोपाल मंडल और राष्ट्रगान को गुलामी का प्रतीक बताने वाले जेडीयू एमएलसी राणा गंगेश्वर को पार्टी से निकाल दिया गया है। एमएलसी गंगेश्वर ने समस्तीपुर के पटेल मैदान में सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि राष्ट्रगान गाना शोषकों की जयकार करने जैसा है। उन्‍होंने कहा कि अधिनायक जय है जैसी लाइनें होने पर जन गण मन राष्‍ट्रगान कैसे हो सकता है। इसके बाद सभा में हंगामा हो गया। नगर विकास मंत्री महेश्वर हजारी ने बाद में लोगों से माफी मांगकर उन्हें शांत कराया।

इससे पहले गोपालपुर से जेडीयू विधायक गोपाल मंडल ने रविवार को कहा कि अब मैं फिर से हत्या की राजनीति करूंगा या करवाऊंगा। मंडल ने कहा था, ‘मैं पहले हत्या की राजनीति करता था। लेकिन बीच में इस तरह की राजनीति छोड़ दी। अब विरोधियों की ओर से मुझ पर लगातार झूठा आरोप लगाया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि मंच पर बैठे लोग मेरे वोटर नहीं हैं। फिर भी आपकी सुरक्षा मैं ही करूंगा। मेरे पास बारूद और बंदूक की ताकत है।

सोमवार को उन्‍होंने शराबबंदी को लेकर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि शराब के बिना मन ही नहीं डोलता। शराब के बिना होली कैसे मनाएंगे। लेकिन अगर शराब बंद है तो भी भांग और गांजा ताे है। विधायकों के बयानाें पर कार्रवाई करते हुए दोनों नेताओं को सर्वसम्‍मति से सस्‍पेंड कर दिया गया। साथ ही कारण बताअो नोटिस भी जारी किया गया है। प्रदेश अध्‍यक्ष वशिष्‍ठ नारायण सिंह ने कहा कि गोपाल मंडल के बयान अस्‍वीकार्य है। पार्टी उनके बयान की निंदा करती है।

वहीं भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने इस मामले में कहा कि नीतीश कुमार को ध्‍यान देना चाहिए कि उनके विधायक किस तरह के बयान दे रहे हैं। जेडीयू विधायकों के बयान आपत्तिजनक हैं।