ईएनएस व एजंसी

चेन्नई। जे जयललिता को भ्रष्टाचार के मामले में बंगलूर की एक विशेष अदालत के चार साल कैद की सजा सुनाने के एक दिन बाद उनका उत्तराधिकारी चुन लिया गया। रविवार को अन्नाद्रमुक विधायक दल की बैठक में ओ पन्नीरसेल्वम को सर्वसम्मति से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया। पन्नीरसेल्वम रविवार शाम राज्यपाल के रोसैया से मिले। राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। वे सोमवार सुबह ग्यारह बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। पन्नीरसेल्वम जयललिता मंत्रिमंडल में वित्त और लोक निर्माण जैसे दो अहम विभाग संभाल रहे थे।
रविवार सुबह पन्नीरसेल्वम और पार्टी के अन्य मंत्रियों ने बंगलूर के पराप्पना अग्रहारा जेल में जयललिता से मुलाकात की। उसके बाद चेन्नई में अन्नाद्रमुक के विधायकों की बैठक बुलाई गई। पार्टी के एक नेता ने कहा कि संभवत: हम सोमवार सुबह कर्नाटक हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल करेंगे। रविवार को कोठरी नंबर 7402 में जयललिता उजली साड़ी में थीं। सूत्रों के मुताबिक, राज्य सरकार के छह वरिष्ठ नेताओं ने उनसे मुलाकात की। कहा यह भी जा रहा है कि वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी हाई कोर्ट में जयललिता का मुकदमा लड़ सकते हैं।

इससे पहले भी 2001 में 63 साल के पन्नीरसेल्वम को जयललिता ने अपनी जगह पर इस पद के लिए चुना था। ‘मिस्टर भरोसेमंद’ के रूप में चर्चित पन्नीरसेल्वम प्रभावशाली मुदुकुलाथोर समुदाय से हैं और जयललिता के विश्वस्त माने जाते हैं। समझा जाता है कि जयललिता की ओर से पन्नीरसेल्वम का नाम अदालत के शनिवार को फैसला सुनाए जाने के बाद ही बता दिया गया। बंगलूर जेल जाने से पहले उनकी अदालत में काफी देर बातचीत भी हुई।

2001 में भी जयललिता ने पन्नीरसेल्वम को तब चुना था जब सुप्रीम कोर्ट ने तांसी भूमि मामले में दोषी ठहराए जाने पर मुख्यमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति रद्द कर दी थी। मृदुभाषी और सौम्य नेता माने जाने वाले पन्नीरसेल्वम छह महीने अंतरिम मुख्यमंत्री के रूप में काम कर चुके हैं और तांसी भूमि मामले में जयललिता के बरी होने पर उन्होंने पद छोड़ दिया था। पन्नीरसेल्वम शनिवार से ही बंगलूर में डेरा डाले हुए थे जब जयललिता आय से अधिक संपत्ति मामले में वहां गर्इं थीं। वे रविवार को चेन्नई लौट आए ताकि उनके निर्देश के तहत जिम्मेदारी संभाल सकें।
दूसरी ओर जयललिता का समर्थन करते हुए उनके दो सहयोगियों ने रविवार को कहा कि बंगलूर की विशेष अदालत के उन्हें आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी करार दिया जाना अंतिम फैसला नहीं है। उन्हें उम्मीद है कि आखिरकार जीत जयललिता की ही होगी। अखिल भारतीय सामंथुआ मक्कल काची (एआइएसएमके) के अध्यक्ष आर शरतकुमार और तमिलगा वझवुरीमई काची के अध्यक्ष टी वेमुरुगन ने कहा कि फैसला अंतिम नहीं है और मुख्यमंत्री जयललिता उचित कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से बाधाएं तोड़ देंगी। उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक जयललिता के सक्षम मार्गदर्शन में कल्याणकारी प्रशासन जारी रखेगी।

‘कृषथवा कषगम’ जैसे कई छोटे संगठनों ने भी इसी तरह के विचार प्रकट किए और एकजुटता दिखाई। इस बीच अन्नाद्रमुक के बहुत सारे कार्यकर्ताओं ने फैसले के खिलाफ राज्य में कई जगहों पर भूख हड़ताल की। पार्टी की महिला पदाधिकारियों और उनके समर्थकों ने जयललिता के विधानसभा क्षेत्र श्रीरंगम में कहा कि मामला राजनीति से प्रेरित है। तटीय नागापत्तनम जिले के दस बस्तियों में सैकड़ों मछुआरों और उनके परिवारों ने तरंगमबाड़ी में उपवास किया।

जिले की 54 दूसरी बस्तियों के मछुआरों ने अपनी नावों पर काले झंडे फहराए।