गीतकार जावेद अख्तर ने फिल्म डायरेक्टर शेखर कपूर को उनके एक ट्वीट पर जमकर लताड़ लगाई। अख्तर ने शेखर को अच्छे मनोचिकित्सक से इलाज कराने की सलाह तक दे डाली। सोशल मीडिया पर अक्सर समसामयिक मुद्दों पर अपने विचार रखने के लिए जाने वाले अख्तर ने तंज कसते हुए कहा कि अच्छे मनोचिकित्सक से इलाज करवाने में किसी तरह की शर्म नहीं।
कपूर ने अपने ट्वीट में कहा कि ‘बंटवारे के बाद एक रिफ्यूजी की तरह जिंदगी शुरू की। माता-पिता अपने बच्चों को बेहतर जिंदगी देने के लिए सबकुछ करते हैं। लेकिन मुझे बुद्धिजीवियों से डर लगता है। उन्होंने मुझे छोटा महसूस करवाया। हालांकि इसके बाद उन्होंने मुझे मेरी फिल्मों के लिए गले गला लगा लिया। लेकिन मुझे आज भी उनसे डर लगता है। उनका गले लगना सांप के काटने जैसा है। आज भी रिफ्यूजी की तरह महसूस करता हूं।’
उनके इस ट्वीट पर अख्तर ने कहा ‘वे कौन बुद्धिजीवी थे जिन्होंने आपकों गले लगाया और उनका ऐसा करना आपको सांप के काटने जैसा महसूस हुआ? श्याम बेनेगल, अदूर गोपाल कृष्णा, राम चंद्र गुहा? शेखर साहब लगता है आप ठीक नहीं हैं, आपको मदद की जरूरत है, आपको अच्छे मनोचिकित्सक से इलाज कराने की जरूरत है।’
Started life as refugee of Partition. Parents gave everything to make a life for kids. Was always in fear of ‘intellectuals’. They made me feel insignicant. Small. Then suddenly embraced me after my films. I still fear them. Their embrace is like a bite of snake. Still a refugee.
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) July 27, 2019
उन्होंने आगे कहा ‘आपने खुद को अभी भी रिफ्यूजी ही करार दिया आप अभी भी खुद को बाहरी समझते हैं न कि एक भारतीय। आपको यह अपनी मातृभूमि नहीं लगती। अगर आप भारत में अभी तक रिफ्यूजी की तरह महसूस कर रहे हैं तो फिर आप कहां पर रिफ्यूजी की तरह महसूस नहीं करेंगे, पाकिस्तान में? इस तरह की नौटंकी बंद कीजिए।’
जावेद ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘आप कहते आए हैं कि आप आज में जीते हैं और लेकिन दूसरी तरफ कह रहे हैं कि आपको बंटवारे के बाद रिफ्यूजी जैसा महसूस हो रहा है। इन दोनों बातों में फर्क देखने के लिए किसी को ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है।’
मालूम हो कि हाल में देश की 49 हस्तियों ने दलितों और अल्पसंख्यकों पर बढ़े जुल्म, हेट क्राइम, मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए उन्होंने पीएम से सीधे सवाल किया है कि अपराधियों के खिलाफ क्या एक्शन लिया गया है। इसके साथ ही पत्र में जय श्री राम के नारे को उकसावे वाला बताया है। देशभर से सामाजिक कार्यकर्ता, फिल्म निर्माता और कलाकारों ने पीएम को लिखे पत्र में इसपर रोक लगाने की मांग की है।