बिहार विधानसभा चुनाव के सौ दिन भी नहीं बचे हैं पर जनता परिवार में एकता की बात तो दूर रही, घटक दलों के नेता अपनी भड़ास तक नहीं रोक पा रहे हैं। जद (एकी) और राजद नेतृत्व के बीच आई खटास के बाद विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन के मुद्दे पर अब पटना की जगह दिल्ली में चर्चा में होगी जहां दोनों दलों के शीर्ष नेता मतभेदों को दूर करने का प्रयास करेंगे।
सितंबर-अक्तूबर में संभावित चुनावों से पहले बिहार में गठबंधन के मुद्दे पर दोनों दलों की कभी भी बैठक हो सकती है। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के आवास पर इसका आयोजन किया जा सकता है जिन्हें इन दोनों दलों सहित जनता परिवार से अलग हुए छह दलों ने महाविलय के लिए चुना है। चूंकि विलय के मुद्दे पर वक्त लग रहा है और पार्टियों को कानूनी जटिलताओं को दूर करने के लिए चुनाव आयोग से मशविरा करने की जरूरत है इसलिए उनके बीच बातचीत मुख्यत: लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बीच बिहार चुनावों के लिए गठबंधन को अंतिम रूप देने पर केंद्रित होगी।
दोनों दलों में गठबंधन के भविष्य पर कयासों के बीच जद (एकी) अध्यक्ष शरद यादव ने गुरुवार को कहा था कि दोनों दल कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे ताकि भाजपा को चुनौती दे सकें। गठबंधन होगा क्योंकि यह समय की जरूरत है। देश को इसकी जरूरत है। हम सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस, जद(एकी), राजद, राकांपा और अन्य साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले राजद ने स्पष्ट कर दिया था कि वह नीतीश कुमार को गठबंधन का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने को इच्छुक नहीं हैं।
नीतीश कुमार को गठबंधन का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के खिलाफ खुलेआम आपत्ति जताते हुए राजद उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपील की थी कि इसका समाधान निकालें और बिहार में भाजपा विरोधी गठबंधन के लिए काम करें। दोनों दलों के नेताओं के यहां कांग्रेस नेतृत्व से भी मुलाकात करने की संभावना है। सीट बंटवारे के एक फार्मूले के तहत राजद और जद(एकी) सौ-सौ सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं जबकि कांग्रेस, माकपा, भाकपा और राकांपा को 43 सीटें दी जा सकती हैं। बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं।
हालांकि कभी जनता परिवार का अभिन्न अंग रहे खाद्य मंत्री व लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष राम विलास पासवान का मानना है कि जनता परिवार का एक हो पाना असंभव है। उनके मुताबिक चींटी भी रहने के लिए अपना घर बनाती है पर जनता परिवार के नेता तो उन बंदरों की तरह हैं जिन्हे अगर कोई घर बना कर दे भी दे तो वे उसे उजाड़ने में जरा भी देर नहीं लगाएंगे।