अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन की जीत पर जम्मू कश्मीर यूथ कांग्रेस के नेता ने कुछ ऐसा कह दिया है, जिसे लेकर विवाद पनप सकता है। दरअसल जम्मू कश्मीर यूथ कांग्रेस के नेता जहांजेब सिरवाल ने एक वीडियो संदेश में कहा है कि ‘जो बाइडेन मोदी सरकार पर दबाव बनाकर जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए को फिर से बहाल कराएंगे।’

कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘अमेरिका में जो बाइडेन और कमला हैरिस की जीत लोकतंत्र की जीत है। जहां तक भारत की बात है तो इससे जम्मू कश्मीर की राजनीति में कुछ सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पूरी दुनिया में जिस तरह से इस्लामोफोबिया का डर फैलाया जा रहा है, उसमें कुछ कमी आएगी। जहांजेब सिरवाल ने कहा कि जो बाइडेन के पूर्व के बयान देखें तो ऐसा लगता है कि जो बाइडेन भारत की सरकार पर दबाव बनाएंगे और आर्टिकल 370 और 35ए को हटाने का फैसला वापस लिया जाएगा।’

बता दें कि राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रचार दौरान जो बाइडेन ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधान हटाने के फैसले की आलोचना की थी। इसके साथ ही बाइडेन ने एनआरसी और सीएए पर भारत सरकार के रुख से भी नाराजगी जाहिर की थी।

बाइडेन ने अपने पॉलिसी पेपर में भी कश्मीर, असम मुद्दे का जिक्र किया है और चीन के उइगुर मुस्लिमों और म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के हालात पर चिंता जाहिर की है। डेमोक्रेटिक पार्टी के कई बड़े नेता भी कश्मीर और सीएए के मुद्दे पर मोदी सरकार के कदम की आलोचना कर चुके हैं।

हालांकि भारत-अमेरिका के संबंधों पर नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि जो बाइडेन ने भले ही जम्मू कश्मीर और सीएए, एनआरसी जैसे मुद्दों पर भारत सरकार की आलोचना की है लेकिन राष्ट्रपति पद संभालने के बाद वह भारत के खिलाफ इतने मुखर नहीं रहेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका को चीन की चुनौती का सामना करने के लिए भारत की जरुरत है। ऐसे में जो बाइडेन भी पूर्व राष्ट्रपतियों की तरह भारत के साथ संबंध मजबूत करने की दिशा में काम करेंगे।

गौरतलब है कि भारत और अमेरिका के बीच हुए समझौतों में जो बाइडेन की अहम भूमिका रही थी। ऐसे में यह कहना कि जो बाइडेन का रुख भारत सरकार के खिलाफ है, यह गलत है। साथ ही भारत और अमेरिका के संबंध भले ही कितने भी मजबूत हुए हैं लेकिन भारत का पहले से ही स्टैंड रहा है कि जम्मू कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है और किसी भी तीसरे देश का इसमें दखल मंजूर नहीं है। अमेरिका ने भी इस बात को स्वीकार किया है।