जम्मू-कश्मीर के राजौरी से बुरी खबर है। यहां आतंकियों से जारी मुठभेड़ में भारतीय सेना के दो कैप्टन और दो जवान शहीद हो गए हैं। न्यूज एजेंसी PTI द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह एनकाउंटर धर्मसाल के बाजीमाल इलाके में इंडियन आर्मी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के तलाशी अभियान के दौरान शुरू हुआ।
अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को घेरा हुआ है और भीषण एनकाउंटर जारी है। उन्होंने कहा कि आतंकियों को मार गिराने के लिए और अधिक जवानों को भेजा गया है।
स्थानीय लोगों द्वारा न्यूज एजेंसी PTI को बताया गया कि इलाके में एक्टिव आतंकवादियों का पता लगाने के लिए रविवार से ही घेराबंदी एवं तलाशी अभियान चल रहा था। एक ग्रामीण ने बताया कि अभियान की वजह से उन्हें घरों में ही रहने और बाहर न निकलने के लिए कहा गया था। इसी वजह से आज बच्चे स्कूल नहीं गए।
रविवार से इलाके में घूम रहे थे आतंकी
ग्रामीण ने बताया कि गांव के पास जंगल के इलाके में एनकाउंटर चल रहा है। अधिकारियों ने कहा कि बाजीमाल में एनकाउंटर वाली जगह पर घेरे गए दोनों आतंकवादी विदेशी मालूम पड़ते हैं और वे बीते रविवार से इलाके में घूम रहे थे। एक अधिकारी ने बताया कि इन आतंकियों में से एक यहां के एक धार्मिक स्थल में भी रुका था।
एनकाउंटर में आतंकवादी भी घायल
भारतीय सेना द्वारा X के जरिए दी गई जानकारी के अनुसार, खुफिया इनपुट के आधार पर 19 नवंबर को राजौरी के कालाकोट इलाके गुलाबगढ़ जंगल में पुलिस के साथ ऑपरेशन शुरू किया गया। 22 नवंबर को आतंकियों का पता चला और इसके बाद एनकाउंटर शुरू हुआ। भारतीय सेना ने बताया कि एनकाउंटर में आतंकवादी घायल हो गए हैं और सुरक्षाबलों ने उन्हें घेर लिया है। अभी ऑपरेशन जारी है।
इस साल जम्मू संभाग में शहीद हुए 15 सुरक्षाकर्मी
जम्मू संभाग के राजौरी में एकबार फिर वीर जवानों की शहादत ने इस क्षेत्र आतंकी गतिविधियों पर चर्चा शुरू हो गई है। इस साल सम्मू संभाग के तीन जिलों में हिंसक घटनाओं में 15 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए हैं। यहां हुए एनकाउंटर्स में 25 आतंकवादियों का भी सफाया किया गया है।
राजौरी के बाजीमाल इलाके में चल रहे ताजा एनकाउंटर से पहले 20 अप्रैल और पांच मई को पुंछ के मेंढर और राजौरी के कंडी जंगल में आतंकियों के हमले में पांच कमांडो सहित 10 सैनिकों शहीद हो गए थे। अधिकारियों के मुताबिक, इस साल जनवरी से अब तक राजौरी और पुंछ व रियासी जिले में कुल 47 मौतें हुई हैं।