पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के विरोध में कश्मीर घाटी में बंद देखा गया। इस हमले पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “जम्मू-कश्मीर मुस्लिम मेजॉरिटी स्टेट है। यहां मुसलमानों का मेजॉरिटी स्टेट में तमाम गलियों में कूचों हड़ताल करना, दुकानें बंद करना, यह पहली बार मैंने देखा है क्योंकि पहले जो हमले होते थे वो सिक्योरिटी फोर्स पर होते थे या किसी इलाके पर होते थे। ये पहला हमला है जो कश्मीरियत पर और इंसानियत पर हमला है।”
उन्होंने आगे कहा, “1947 में जब हमारे देश का बंटवारा हुआ वो दो मजहबों के लिए हुआ… लेकिन जम्मू-कश्मीर के मुसलमान और जम्मू-कश्मीर की लीडरशिप… उस समय जम्मू-कश्मीर की लीडरशिप शेख साहब के हाथों में थी। लोग उनके साथ थे। उस समय जम्मू के मुसलमानों ने, कश्मीर के मुसलमानों ने और लीडरशिप ने मजहब के आधार पर हिंदुस्तान के टुकड़े करने की मुकालफत की और पाकिस्तान के साथ नहीं गए।”
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब देश का बंटवारा हुआ तब हर जगह हिंसा हुई थी लेकिन कश्मीर में नहीं हुई थी। उस समय गांधी जी ने कहा था कि पूरा हिंदुस्तान जल रहा है, अंधेरा छाया हुआ है लेकिन रोशनी की किरण सिर्फ कश्मीर से नजर आती है। उन्होंने कहा कि आज अगर किसी आतंकी ने मजहब पूछा है और मजहब पूछ कर मार दिया है तो इसका मतलब ये है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी ने आज हमारी इंसानियत और कश्मीरियत पर वार किया है और इसी वजह से जम्मू-कश्मीर का मुसलमान आज अपने आप खड़ा हुआ है कि अब बहुत हो गया।
Pahalgam News LIVE Updates । पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी बड़ी बातें
‘मुर्गे लड़ाने की कोशिश मत करो’
उन्होंने आगे कहा, “मैं दो पॉजिटिव चीजें कहना चाहता हूं। पहले मुसलमानों पर अक्सर ऐसे आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया जाता था। लेकिन आज उन्होंने दिखा दिया है कि वे ऐसे आतंकवादियों के खिलाफ हैं। मैं इस मौके पर टीवी चैनल्स से अपील करता हूं कि मुर्गे लड़ाने की जो कोशिश करते हैं हम टीवी पर, वो इस समय न हो। कश्मीर के मुसलमानों ने मैसेज दिया है कि हम हमारे हिंदुस्तान के हिंदू भाइयों-बहनों के साथ हैं।”