जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को आरोप लगाया है कि राज्य पुलिस नेताओं के साथ बदसलूकी कर रही है। पीडीपी चीफ ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सजाद लोन, पीडीपी नेता वहीद पारा और पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल को सरकारी ठिकानों में शिफ्ट करते समय बदसलूकी की। महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि सजाद लोन को ‘डराया-धमकाया गया और उन्हें निर्वस्त्र होने के लिए कहा गया।’ जम्मू कश्मीर के नेताओं को अपमानित किया जा रहा है। हालांकि जम्मू कश्मीर पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है।

बता दें कि ये ट्वीट महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा द्वारा उनके आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किए गए। एक ट्वीट में लिखा गया कि ‘शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में हिरासत में रखे गए लोगों को आज श्रीनगर के एमएलए होस्टल में शिफ्ट किया गया, पुलिस ने सजाद लोन, वहीद पारा और शाह फैसल के साथ बदसलूकी की। क्या ये जनप्रतिनिधियों को ट्रीट करने का तरीका है? उन्हें अपमानित क्यों किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर में मार्शल लॉ लागू है और पुलिस ताकत के नशे में चूर है।’

अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि “वहीद पारा, जिन्होंने जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को मजूबत करने की दिशा में काम किया और जिनकी तारीफ पूर्व गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी कर चुके हैं। उसी तरह शाह फैसल को एक समय कश्मीर का रोल मॉडल कहा गया था, जब उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में टॉप किया था। उस वक्त तारीफ की गई और आज उन्हें अपमानित किया जा रहा है क्यों?”

एक ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि ‘सजाद लोन के साथ बदसलूकी उस वक्त की गई, जब उन्हें निर्वस्त्र होने को कहा गया। अब जेल की खिड़की को लकड़ी से बंद कर दिया गया है। हीटर्स की कमी है और जैमर्स से सर्विलांस की जा रही है। यदि एक व्यक्ति जिसे पीएम मोदी ने अपना छोटा भाई बताया था, अब उसे इस तरह से अपमानित किया जा रहा है। ऐसे में अन्य लोगों के साथ किस तरह का सलूक हो रहा है, उसका अंदाजा लगाया जा सकता है।’

बता दें कि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधान हटाने के बाद से ही राज्य के कई नेता नजरबंद हैं। श्रीनगर में सर्दियां बढ़ने के बीच जम्मू कश्मीर प्रशासन ने पांच अगस्त से सेंटूर होटल में बंद 34 राजनीतिक बंदियों को रविवार को विधायक अतिथिगृह भेजने का फैसला किया है क्योंकि होटल में पर्याप्त बंदोबस्त नहीं हैं। अधिकारियों ने कहा कि सर्दी की वजह से नेशनल कान्फ्रेंस, पीडीपी और पीपुल्स कान्फ्रेंस नेताओं और जानेमाने सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा उनकी सुरक्षा में लगे जवानों की सेहत पर असर पड़ रहा है।