Jammu-Kashmir Assembly Election Results 2024: जम्मू-कश्मीर की सेंट्रल शाल्टेंग विधानसभा सीट से कांग्रेस ने बड़ी जीत दर्ज की। तारिक हमीद कर्रा ने 14381 वोट से जीत दर्ज की। उनके अलावा कोई उम्मीदवार 5000 का आंकड़ा भी नहीं छू पाया। निर्दलीय मुहम्मद इरफान शाह दूसरे नंबर पर रहे। अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। सेंट्रल शाल्टेंग में दूसरे चरण में 25 सितंबर 2024 को मतदान हुआ था।
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सेंट्रल शाल्टेंग से क्रांग्रेस जीती
चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार सेंट्रल शाल्टेंग में 13 राउंड की काउंटिंग के बाद कांग्रेस के तारिक हमीद कर्रा को 18905 वोट मिले। उन्होंने 14381 वोट से जीत दर्ज की। निर्दलीय मुहम्मद इरफान शाह 4524 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे। पिपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अब्दुल कयूम भट को 2724 वोट मिले। जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी से जफर हबीब डार को 886 वोट मिले। अवामी नेशनल क्रॉन्फ्रेंस के रियाज अहमद मीर को 293 वोट मिले।
सेंट्रल शाल्टेंग के बारे में जानें
सेंट्रल शाल्टेंग (Central Shalteng) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के उपनगरीय क्षेत्र में स्थित है। यह निर्वाचन क्षेत्र कश्मीर घाटी के महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक है और श्रीनगर जिले के अंतर्गत आता है। शाल्टेंग क्षेत्र का मिश्रित सामाजिक-आर्थिक ढांचा है, जहां शहरी और ग्रामीण दोनों प्रकार के इलाके शामिल हैं। सेंट्रल शाल्टेंग श्रीनगर के उत्तरी हिस्से में स्थित है। यह श्रीनगर के महत्वपूर्ण इलाकों से जुड़ा हुआ है और यातायात के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
शाल्टेंग का अधिकांश हिस्सा व्यापारिक और आवासीय है, लेकिन इसके आसपास के क्षेत्रों में कृषि भी प्रमुख रूप से होती है। हाल के वर्षों में इस क्षेत्र का शहरीकरण बढ़ा है, जिससे बुनियादी ढांचे की मांग भी बढ़ी है।
स्थानीय विकास और रोजगार क्षेत्र का मुख्य मुद्दा
सेंट्रल शाल्टेंग विधानसभा क्षेत्र में राजनीति अक्सर स्थानीय विकास, बुनियादी सुविधाओं, रोजगार और शांति व्यवस्था के मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमती रही है। क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दलों नेशनल कांफ्रेंस (NC), पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP), और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच मुकाबला होता रहा है। पिछले चुनावों में यहां से कुछ प्रमुख नेताओं ने जीत हासिल की है, जिनका क्षेत्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है।
सेंट्रल शाल्टेंग निर्वाचन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की कमी, जल निकासी, ट्रैफिक समस्या और शहरीकरण के मुद्दे प्रमुख हैं। साथ ही स्थानीय आबादी के लिए रोजगार के अवसर भी एक बड़ी चुनौती है। सेंट्रल शाल्टेंग सहित श्रीनगर के कई विधानसभा क्षेत्रों में नेशनल कांफ्रेंस (NC) का मजबूत प्रभाव रहा है। शेख अब्दुल्ला द्वारा स्थापित NC पार्टी लंबे समय तक कश्मीर घाटी में एक प्रमुख राजनीतिक शक्ति रही है। कई वर्षों तक इस क्षेत्र में नेशनल कांफ्रेंस ने चुनाव जीते हैं, और उनकी पकड़ यहां मजबूत रही है।
2000 के दशक में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने भी कश्मीर घाटी में अपनी स्थिति मजबूत की, खासकर उस समय जब मुफ्ती मोहम्मद सईद और बाद में उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती ने पार्टी की कमान संभाली। पीडीपी ने भी शाल्टेंग सहित कई विधानसभा क्षेत्रों में नेशनल कांफ्रेंस को चुनौती दी है। हालांकि पीडीपी का प्रभाव यहां स्थायी नहीं रहा है, लेकिन पार्टी ने कुछ चुनावों में कड़ी टक्कर दी है।
हाल के वर्षों में बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में अपने विस्तार का प्रयास किया है, खासकर 2019 के बाद, जब राज्य का विशेष दर्जा समाप्त हुआ। हालांकि बीजेपी का कश्मीर घाटी के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में सीधा प्रभाव कम रहा है, पार्टी ने शाल्टेंग जैसे क्षेत्रों में भी चुनाव लड़ने की कोशिश की है। लेकिन बीजेपी यहां अभी तक कोई बड़ी सफलता हासिल नहीं कर पाई है।
2014 के विधानसभा चुनावों में, सेंट्रल शाल्टेंग निर्वाचन क्षेत्र से नेशनल कांफ्रेंस (NC) का उम्मीदवार जीता था, जबकि PDP दूसरे स्थान पर रही थी। इससे पहले भी NC ने कई बार यहां जीत दर्ज की है, जिससे यह साफ है कि इस क्षेत्र में नेशनल कॉफ्रेंस का प्रभाव लंबे समय से बना हुआ है।