केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज जम्मू-कश्मीर के राजौरी पहुंचे। रक्षा मंत्री के दौरे के मद्देनजर राज्य में कड़ी सुरक्षा की गई है। जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिले पुंछ में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को एक दिवसीय दौरे पर राजौरी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे लिए हर सैनिक महत्वपूर्ण है। रक्षा मंत्री के दौरे से पहले श्रीनगर के लावापोरा क्षेत्र के पास एक संदिग्ध वस्तु मिली। जिसके बाद सुरक्षा बल और बम निरोधक दस्ता (BDS)मौके पर तैनात किए गए।
राजौरी पहुंचे केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारे लिए हर सैनिक बेहद महत्वपूर्ण है, हमारा हर एक सैनिक परिवार के सदस्य के समान है। आपके ऊपर कोई नज़र डाले यह हमें कतई बर्दाश्त नहीं है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस एजेंसी दोनों महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके लिए शासन की तरफ से जिस भी सहयोग की आवश्यकता होगी उसके लिए सरकार का खज़ाना खुला हुआ है।”
रक्षा मंत्री ने आगे कहा, ”मैं घायल हुए सेना के जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करूंगा। मैं आपको यह सुनिश्चित करना चाहूंगा कि घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।”
रक्षामंत्री के साथ सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे भी पहुंचे जम्मू
अधिकारियों ने बताया कि राजनाथ सिंह का एयर पोर्ट पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने स्वागत किया। रक्षामंत्री के साथ सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे भी मौजूद थे। जम्मू हवाई अड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद रक्षा मंत्री राजौरी-पुंछ सेक्टर के लिए रवाना हो गए जहां उनका सुरक्षा स्थिति और आतंकवाद विरोधी अभियान की समीक्षा करने का कार्यक्रम है।
अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री के राजौरी दौरे के दौरान मृतकों के परिजनों से भी मिलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि राजौरी से लौटने पर राजनाथ सिंह राजभवन में एक उच्च स्तरीय बैठक में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा कर सकते हैं। रक्षा मंत्री के दौरे के मद्देनजर पूरे जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
राजौरी में आतंकी हमला
गौरतलब है कि पुंछ के बफलियाज में 21 दिसंबर को ढेरा की गली और धत्यार मोड़ के बीच घात लगाकर किए गए हमले के बाद क्षेत्र में आतंकवाद निरोधक अभियान जारी है। आतंकी हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे। क्षेत्र में जारी आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान 22 दिसंबर को तीन लोग मृत पाये गये थे। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि यह सभी पूछताछ के दौरान प्रताड़ना की वजह से मारे गए। जिसके बाद लोगों में आक्रोश फैल गया कि उन्हें आतंकवादी हमले के बाद पूछताछ के लिए सेना ने उठाया था।