पिछले कुछ सालों में देश में परिवारवादी नेताओं को लेकर खूब चर्चा हुई। भाजपा और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसको लेकर विपक्षी दलों पर निशाना भी साधते रहे हैं। अब जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। लेकिन हैरानी भरी बात यह है कि जम्मू कश्मीर की राजनीति में आज भी वंशवादी नेताओं का दबदबा है। यह दबदबा आजादी के बाद से ही बरकरार है।
जम्मू कश्मीर में यदि राजनीतिक परिवार की बात आती है तो अब्दुल्ला परिवार का नाम सबसे पहले सामने आता है। अब्दुल्ला परिवार की तीन पीढियां के चार व्यक्ति जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं तो उनके पिता फारूक अब्दुल्ला कई बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। फारूक अब्दुल्ला केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। फारूक अब्दुल्ला के पिता शेख अब्दुल्ला भी जम्मू कश्मीर की कमान संभाल चुके हैं। माना जा रहा है कि अगर जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस की सरकार बनती है तो उमर अब्दुल्ला ही राज्य के मुख्यमंत्री होंगे। उमर अब्दुल्ला तीसरी पीढ़ी के नेता हैं। वहीं फारूक अब्दुल्ला के बहनोई गुलाम मोहम्मद शाह 1980 के दशक में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं जबकि इस परिवार के कई सदस्यों ने जम्मू कश्मीर में मंत्री पद की भूमिका भी निभाई है।
उमर अब्दुल्ला हैं चौथी पीढ़ी के नेता
अब्दुल्ला परिवार के बाद नाम आता है मुफ्ती परिवार का। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वहीं उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती वर्तमान में पार्टी की अध्यक्ष हैं। वहीं इस बार के विधानसभा चुनाव में महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी चुनाव लड़ेंगी। वह इस चुनाव में सबसे हाई प्रोफाइल उम्मीदवार हैं। जब से जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 का खत्मा हुआ है, उसके बाद से ही इल्तिज़ा लगातार राजनीतिक रूप से सक्रिय रही हैं। इल्तिज़ा ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग की बिजबेहरा सीट से नामांकन दाखिल भी कर दिया है।
मियां मेहर अली
जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव में इस बार मियां मेहर अली भी ताल ठोक रहे हैं। जम्मू कश्मीर से चर्चित सांसद मियां अल्ताफ अहमद के बेटे मियां मेहर अली हैं। मियां मेहर अली अपने परिवार की चौथी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं और अब वह भी राजनीति में आ रहे हैं।
अहसान परदेसी भी मैदान में
जम्मू कश्मीर की लाल चौक सीट से नेशनल कांफ्रेंस के टिकट पर अहसान परदेसी उम्मीदवार हैं। अहसान परदेसी, गुलाम कादिर परदेसी के बेटे हैं। गुलाम कादिर परदेसी पहले नौकरशाह थे और उसके बाद राजनेता बने थे। अहसान परदेसी नेशनल कांफ्रेंस के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं।
कई बड़े नाम मैदान में
इन बड़े नामों के अलावा कई और उम्मीदवार भी मैदान में हैं, जो राजनीतिक परिवार से आते हैं। जम्मू कश्मीर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष मुहम्मद अकबर लोन के बेटे हिलाल अकबर लोन भी चुनाव लड़ रहे हैं। हिलाल के पिता कैबिनेट मंत्री, स्पीकर और बाद में सांसद भी बने थे।