इंडियन आर्मी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में आतंकवादियों के एक समूह की तलाश के दौरान नागरिकों के साथ कथित ‘दुर्व्यवहार’ के आरोपों की जांच शुरू की। दरअसल, पिछले साल दिसंबर में, पुंछ में सेना के वाहनों पर आतंकवादी हमले के सिलसिले में पूछताछ के लिए सैनिकों द्वारा उठाए जाने के बाद, कथित तौर पर हिरासत में तीन नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। इसी सिलसिले में सेना पर लगे आरोपों की जांच की जाएगी।
भारतीय सेना की 16वीं कोर के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट व्हाइट नाइट कोर ने एक्स पर पोस्ट किया, “किश्तवाड़ सेक्टर में आतंकवादियों के एक समूह की गतिविधि की विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर, राष्ट्रीय राइफल्स द्वारा 20 नवंबर को एक ऑपरेशन शुरू किया गया था।” “ऑपरेशन के दौरान नागरिकों के साथ कथित दुर्व्यवहार की कुछ रिपोर्टें हैं। तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की जा रही है। आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”
सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय और उत्तरी कमान को टैग करते हुए कहा गया, “आतंकवादियों के समूह की आगे की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।” किश्तवाड़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जावेद इकबाल ने संपर्क करने पर कहा कि पुलिस आरोपों की पुष्टि कर रही है।
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क्या कुआथ गांव के चार लोगों को हिरासत में प्रताड़ित किया गया था?
सूत्रों के अनुसार, सेना उन आरोपों की जांच करेगी कि क्या कुआथ गांव के चार लोगों को हिरासत में प्रताड़ित किया गया। सूत्रों के अनुसार, बुधवार की सुबह इन लोगों को एक फ़ोन आया, जिसमें उन्हें किश्तवाड़ में सेना के एक शिविर में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था। उन्हें 10 नवंबर को चस्क क्षेत्र में सेना के एक जूनियर कमीशंड अधिकारी की हत्या और तीन सैनिकों के घायल होने से जुड़ी पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इससे कुछ दिन पहले, 7 नवंबर को, किश्तवाड़ के केशवान जंगलों में आतंकवादियों ने दो ग्राम रक्षा रक्षकों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी थी।
यातना के आरोप उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्द्र कुमार के किश्तवाड़ दौरे और वहां सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के दो दिन बाद सामने आए थे। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है, वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की थी और न्याय का आश्वासन दिया था।