पिछले दो वर्षों से जम्मू-कश्मीर के हीरानगर शहर के होल्डिंग सेंटर में बंद म्यांमार से आये रोहिंग्यों की मंगलवार सुबह पुलिस से झड़प हो गई। इस झड़प में दोनों पक्ष के लोगों को चोटें आईं हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि केंद्र प्रभारी और दो अन्य स्टाफ सदस्यों को बंधक बना लिया गया था। उन्हें छुड़ाने के लिए पुलिस अंदर गई, जिसके बाद झड़प शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि रोहिंग्यों की ओर से किए गए पथराव में लगभग आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

पुलिस ने किया लाठीचार्ज

पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद स्थिति सुबह 11 बजे तक नियंत्रण में आ गई। अधिकारियों ने कहा कि होल्डिंग सेंटर के कर्मचारियों को उन रोहिंग्यों से बचाया गया जिन्होंने उनके कार्यालय पर भी कब्जा कर लिया था।

इस झड़प में लगभग एक दर्जन रोहिंग्या घायल भी हुए। अधिकारियों ने बताया कि घायलों को प्राथमिक उपचार दिया गया है और किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई है। कठुआ जिले में होल्डिंग सेंटर के अंदर का माहौल पिछले मई से ही तनावपूर्ण बना हुआ है और रोहिंग्या नियमित अंतराल पर प्रदर्शन और भूख हड़ताल कर रहे हैं। वर्तमान में 74 महिलाओं और 70 बच्चों (कई का जन्म केंद्र के अंदर हुआ है) सहित कुल 271 रोहिंग्या वहां बंद हैं।

ये झड़प तब शुरू हुई जब सुबह बैरक खोल रहे कर्मचारियों को रोहिंग्या ने बंदी बना लिया और उन्हें छोड़ने के लिए दबाव डाला। खबर फैलते ही हीरानगर थाने से पुलिस दल मौके पर पहुंचा लेकिन उन पर पत्थरों से हमला कर दिया गया। बाद में कठुआ के एसएसपी शिव दीप सिंह जामवाल अन्य पुलिस और जेल अधिकारियों के साथ केंद्र पर पहुंचे और जायजा लिया। उन्होंने बताया कि अब स्थिति नियंत्रण में है।

केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार दोनों ने जम्मू में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या को हीरानगर के होल्डिंग सेंटर में ले जाना शुरू कर दिया था, ताकि उन्हें म्यांमार भेजा जा सके। हालांकि अप्रैल 2021 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनका निर्वासन नहीं हो सका, जिसमें कहा गया था कि जम्मू में हिरासत में लिए गए लोगों को कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना निर्वासित नहीं किया जाना चाहिए। हिरासत में लिए गए लोग अपनी तत्काल रिहाई की मांग कर रहे हैं ताकि वे बच्चों सहित अपने परिवार के सदस्यों के साथ फिर से जुड़ सकें।