Pulwama Terror Attack: उरी अटैक के बाद जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार (14 फरवरी, 2019) को सबसे बड़ा हमला हो गया। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, घटना में तकरीबन 30 जवान शहीद हो गए, जबकि कई जख्मी हुए। 20 सालों में इसे सबसे बड़ा आतंकी हमला हमला बताया जा रहा है। साथ ही साल 2019 के सबसे बड़े हमले के रूप में इसे देखा जा रहा है। आतंकियों ने इस हमले के दौरान 350 किलोग्राम विस्फोटक के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस में जोरदार टक्कर मारी थी। बता दें कि उरी के वक्त 23 जवानों ने देश के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए थे।
पुलवामा हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। घटना के दौरान एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस को टक्कर मार दी, जिसकी वजह से 30 जवान शहीद हुए। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला है।
सीआरपीएफ के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद काम पर लौट रहे थे। जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर अवंतिपोरा इलाके में इस काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया। पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है। उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था।

हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर हुआ है। विस्फोट में 20 से अधिक लोग घायल हो गए। धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास बिखरे क्षत-विक्षत शवों को देखा जा सकता है। सीआरपीएफ के महानिदेशक आर आर भटनागर ने पीटीआई भाषा को बताया, “यह एक विशाल काफिला था और करीब 2500 सुरक्षाकर्मी विभिन्न वाहनों में जा रहे थे। काफिले पर कुछ गोलियां भी चलाई गईं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सीआरपीएफ के जवानों पर हमला बेहद कुत्सित और घिनौना है। मैं इस कायराना हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। वीर जवानों की शहादत यूं ही व्यर्थ नहीं जाएगी। पूरा राष्ट्र वीर शहीदों के परिजनों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।’

