Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा को पत्र लिखा है। महबूबा ने पत्र लिखकर तीन निजी विधेयकों के लिए उनका समर्थन मांगा है। जिन्हें उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर विधानसभा के आगामी सत्र में पेश करने की योजना बना रही है।
अपने पत्र में पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने 2019 के घटनाक्रम के बाद से जम्मू-कश्मीर के लोगों की परेशानियों और कठिनाइयों का जिक्र किया है। मुफ्ती ने पार्टी लाइन से परे सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर बल देते हुए लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए एकजुट प्रयास का आह्वान किया है।
पीडीपी जिन विधेयकों को पेश करने की योजना बना रही है, उनमें जम्मू और कश्मीर (सार्वजनिक भूमि में निवासियों के संपत्ति अधिकारों का नियमितीकरण और मान्यता) विधेयक, 2025, जिसमें आश्रय का अधिकार मांगा गया है; जम्मू और कश्मीर सिविल सेवा (तदर्थ, दैनिक वेतनभोगी, आवश्यकता-आधारित और अन्य अस्थायी श्रमिकों के नियमितीकरण के लिए विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2025, जिसमें नौकरी की सुरक्षा की मांग की गई है और जम्मू और कश्मीर शराब निषेध विधेयक, 2025 शामिल हैं।
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मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और सुनील शर्मा के अलावा महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के एमवाई तारिगामी, अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के शेख खुर्शीद और अन्य निर्दलीय विधायकों को भी पत्र लिखा है। जिसमें आग्रह किया गया है कि वे इसे किसी एक पार्टी की पहल के रूप में न देखें, बल्कि जनता की शिकायतों को दूर करने की दिशा में एक आवश्यक कदम के रूप में देखें।
मुफ्ती ने अपने पत्र में कहा कि ये विधेयक हमारे लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाली तत्काल चिंताओं को दूर करने और उनकी आकांक्षाओं को बनाए रखने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रही हूं और आशा करती हूं कि हम इन मुख्य मुद्दों पर एक साथ आगे बढ़ सकते हैं। हमारे राजनीतिक रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हमारे लोगों के सामने आने वाली चुनौतियाँ साझा हैं, और इसलिए उन्हें संबोधित करने का हमारा संकल्प भी साझा होना चाहिए।
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(इंडियन एक्सप्रेस के लिए नवीद इकबाल की रिपोर्ट)