जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तेज की है। पुलिस ने रविवार को जम्मू के अलग-अलग इलाकों में पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर काम कर रहे स्थानीय आतंकवादियों और उनके ‘ओवरग्राउंड वर्कर्स’ (ओजीडब्ल्यू) से जुड़े ठिकानों की तलाशी ली। ओजीडब्ल्यू का मतलब ऐसे लोगों से है, जो आतंकवादियों को साजो-सामान उपलब्ध कराते हैं और उनकी मदद करते हैं।

पुलिस अफसरों ने बताया कि रामबन, किश्तवाड़, डोडा, कठुआ, रियासी, पूंछ और राजौरी जिलों में कई जगहों पर व्यापक तलाशी और घेराबंदी अभियान चलाया गया।

जम्मू के डोडा जिले में बड़े पैमाने पर जारी आतंकवाद-रोधी अभियान के बीच कई संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया।

ऑपरेशन पिंपल ने कैसे नाकाम की कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश?

सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने की कोशिश

यह खुफिया जानकारी मिलने के बाद तलाश अभियान को तेज किया गया है कि ऊंचाई वाले इलाकों में सक्रिय आतंकवादी सर्दियों के लिए मैदानी इलाकों में ठिकानों की खोज कर रहे हैं। पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने एवं शांति बनाए रखने की कोशिशें जारी हैं और रामबन जिले के बनिहाल एवं गूल इलाकों में कई जगहों पर व्यापक घेराबंदी और तलाश अभियान चलाया गया है।

प्रवक्ता ने बताया कि यह अभियान रामबन के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अरुण गुप्ता की निगरानी में चलाया गया और इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के मूल निवासियों के पाकिस्तान से सक्रिय रिश्तेदारों की संदिग्ध गतिविधियों का पता लगाना और संवेदनशील क्षेत्रों के आसपास सुरक्षा कड़ी करना है।

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के मामले में ये बड़ा कदम उठा सकते हैं CM उमर अब्दुल्ला

घरों की तलाशी ली

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इन अभियानों के दौरान पाकिस्तान में सक्रिय जम्मू-कश्मीर के आतंकवादियों के रिश्तेदारों एवं सहयोगियों और ओजीडब्ल्यू के घरों की तलाशी ली गई। प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस दलों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई परिसरों की तलाशी ली कि कोई राष्ट्र-विरोधी या गैरकानूनी गतिविधियां तो नहीं की जा रही हैं।

प्रवक्ता के मुताबिक, इन अभियानों से आम जनता को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पुलिस हर राष्ट्र-विरोधी नेटवर्क को ध्वस्त करने और सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

किश्तवाड़ और कठुआ में सिम विक्रेताओं की जांच

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कश्मीर के किश्तवाड़ और कठुआ जिले में सिम विक्रेताओं की दुकानों की भी जांच की। पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि इस अभियान के तहत सिम बेचने वाली दुकानों का निरीक्षण किया गया। दुकानदारों को लोगों को जारी किए गए सभी सिम कार्ड का पूरा रिकॉर्ड रखने, केवाईसी (नो योर कस्टमर) दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने और नकली या पहले से एक्टिव सिम कार्ड न बेचने का निर्देश दिया गया।

‘अलगाववाद का प्रचार’, अरुंधति रॉय से नूरानी तक, जम्मू-कश्मीर पर लिखी 25 किताबें हुई बैन