केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों को जम्मू-कश्मीर में समन्वित आतंकवाद विरोधी अभियान सक्रिय रूप से चलाने का मंगलवार को निर्देश दिया। मंत्रालय के मुताबिक, अमरनाथ यात्रा के लिए प्रत्येक तीर्थयात्री को ‘रेडियो आवृत्ति पहचान पत्र’ यानी आरएफआइडी प्रदान किया जाएगा।
गृह मंत्रालय के एक बयान के अनुसार शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समृद्ध और शांतिपूर्ण जम्मू-कश्मीर के सपने को पूरा करने और आतंकवाद का सफाया करने के लिए सुरक्षा बलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सीमा पार से घुसपैठ की एक भी घटना नहीं हो।
गृह मंत्री ने 30 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा से पहले केंद्रशासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए यहां हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह बात कही। शाह ने जम्मू-कश्मीर में मौजूदा स्थिति का आकलन करने के लिए सुरक्षा प्रतिष्ठान के शीर्ष अधिकारियों के साथ मंगलवार को लगातार तीन बैठकें कीं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारियों ने भी तीनों बैठकों में शिरकत की।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह तीर्थयात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए इन बैठकों में शामिल हुए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बाद में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव के हवाले से बताया कि अमरनाथ यात्रा के लिए प्रत्येक तीर्थयात्री को ‘रेडियो आवृत्ति पहचान पत्र’ यानी आरएफआइडी प्रदान किया जाएगा और पांच लाख रुपए का बीमा किया जाएगा।
शाह ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए बिना किसी परेशानी के यात्रा संपन्न कराना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिया कि अतिरिक्त बिजली, पानी और दूरसंचार सुविधाओं सहित सभी व्यवस्था की जाए। गृह मंत्री ने यात्रा मार्ग पर मोबाइल ‘कनेक्टिविटी’ बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद यह पहली यात्रा है और ऊंचाई अधिक होने के कारण जिन यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है, उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी। शाह ने पर्याप्त संख्या में आक्सीजन सिलेंडर, 6,000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर चिकित्सा बिस्तरों और किसी भी आपातकालीन चिकित्सा स्थिति से निपटने के लिए एंबुलेंस और हेलिकाप्टर की तैनाती करने को कहा।
बैठक के दौरान दक्षिण कश्मीर में पहलगाम से यात्रा मार्ग के 39 किलोमीटर के दौरान ‘कनेक्टिविटी’ सुनिश्चित करने के लिए ‘वाइफाइ हाटस्पाट’ बनाने का भी निर्णय लिया गया। यह यात्रा 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर तक की जाती है, जो भगवान शिव को सर्मिपत है। अधिकारियों ने बताया कि यात्रा के दो मार्गों पर अर्धसैनिक बलों के कम से कम 12,000 जवानों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के हजारों कर्मियों को भी तैनात किए जाने की उम्मीद है। तीर्थयात्रा का एक मार्ग पहलगाम से और दूसरा बालटाल होते हुए है। ड्रोन कैमरे सुरक्षा बलों को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेंगे।