जम्मू-कश्मीर से बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां सांबा जिले में किरायेदारों, डोमेस्टिक हेल्पर्स, इंडस्ट्री और व्यापारिक जगहों पर काम करने वाले बाहरी लोगों का वेरिफिकेशन किया जाएगा। यह आदेश प्रशासन ने सोमवार को दिया। इसके साथ ही प्रशासन ने मकान मालिकों को निर्देश दिया कि वे किरायेदारों और हाउस हेल्पर्स से संबधित पेपर पुलिस स्टेशन में जमा करें। रिपोर्ट के अनुसार, सांबा के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) अभिषेक शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि मकान मालिकों को आदेश जारी होने के 10 दिनों के भीतर डिटेल जमा करें।

आदेश में कहा गया, “सांबा जिले के हर स्टेशन (सएचओ) में अब उद्योग, कंपनियों, प्रतिष्ठान, घरेलू सहायकों और किरायेदारों यानी बाहरी लोगों का वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसके लिए एक अलग रजिस्टर भी बनाया जाएगा।”

वेरिफिकेश के बाद ही किसी को काम पर रखा जा सकता है

मामले में डीएम ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू की है। उन्होंने कहा कि सांबा जिले के अधिकार क्षेत्र में स्थित सभी मकानों के मालिकों, जमीनों के मालिकं, संपत्ती के मालिकं और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के मालिकों पुलिस वेरिफिकेशन के बाद ही किसी बाहरी को काम पर रखने की परमिशन है। वेरिफिकेशन के बाद ही किसी बाहरी शख्स को उद्योगों, कंपनियों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और घरेलू सहायक के रूप में काम पर रखा जाता है। इसके अलावा किरायेदारों को भी वेरिफिकेशन के बाद भी घर दिया जा सकता है।

इस आदेश के अनुसार, सभी मालिकों को तीन दिन के भीतर उनके यहां काम करने वाले लोगों का विवरण संबंधित पुलिस थाने में जमा करना होगा। इसके अलावा इस आदेश के जारी होने के बाद अगर किसी मकानमालिक के यहां पहले से भी कोई बाहरी किरायेदार रह रहा होगा तो उसे 10 दिनों के भीतर उसकी जानकारी पुलिस स्टेशन में जमा करनी होगी।

यह आदेश किरायेदार या लीज दोनों पर समान रूप से लागू होगा। जैसे पेइंग गेस्ट और किरायेदार भी इस आदेश के दायरे में आएंगे। आदेश में कहा गया है कि जिन मालिकों ने अपनी जमीन पर झुग्गियां बनाने की अनुमति दी है, उन्हें भी घोषणा पत्र के अनुसार उनका विवरण जमा करना होगा। आदेश में कहा गया है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। यह जारी होने की तारीख से दो महीने की अवधि तक लागू रहेगी। अगर इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो यह रद्द नहीं किया जा सकता है।