जम्मू-कश्मीर के कठुआ ज़िले के मल्हार में आतंकवादियों के देखे जाने की सूचना के बाद सुरक्षा बलों ने सोमवार को व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया। किश्तवाड़ और डोडा ज़िलों के केशवान और सियोज धार के जंगलों में शुक्रवार से चल रहे इसी तरह के अभियानों के बाद यह ताज़ा तलाशी अभियान चलाया गया है।
शुक्रवार रात आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुआ था सैनिक
डोडा और उधमपुर ज़िलों के बीच सियोज धार के जंगलों में शुक्रवार रात आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक सैनिक शहीद हो गया। वहीं रविवार को डोडा और किश्तवाड़ ज़िलों के बीच स्थित केशवान में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच गोलीबारी हुई।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि विश्वसनीय खुफिया रिपोर्ट्स के बाद द्रागल गांव के पास घने जंगलों में तलाशी के लिए कई टीमों और खोजी कुत्तों को लगाया गया था। सूत्रों ने बताया कि जंगल में कई बस्तियां हैं। स्थानीय लोगों को घरों के अंदर रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की सलाह दी गई है।
मल्हार में पिछले कुछ महीनों से आतंकवादियों की मौजूदगी की खबरों के बाद कड़ी सतर्कता बरती जा रही है। पिछले मार्च में एक शादी में शामिल होने के लिए इन घने जंगलों से गुजरते समय एक किशोर समेत तीन नागरिक लापता हो गए थे। सुरक्षा बलों के संयुक्त तलाशी अभियान के दौरान उनके शव एक स्थानीय नाले में मिले। इस घटना के विरोध में केंद्रीय मंत्री और उधमपुर के सांसद जितेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि आतंकवादियों ने उनकी हत्या की है।
आतंकियों की बदली रणनीति
बीते दिनों खबर आई थी कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों ने अपनी रणनीति बदली है। आतंकी अब स्थानीय घरों में पनाह लेने की बजाय घने जंगलों व ऊंचे पहाड़ी इलाकों में भूमिगत बंकर बनाने शुरू कर दिए हैं। स्थानीय समर्थन में कमी के कारण आतंकी संगठनों की रणनीति में यह बदलाव सेना और अन्य सुरक्षा बलों के लिए एक नई चुनौती प्रस्तुत करता है।