Jammu and Kashmir Issue: जम्मू-कश्मीर में करीब 70 साल से लागू धारा 370 खत्म हो रही है। मोदी सरकार ने प्रस्ताव किया हैं कि पूरे राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा जाएगा। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। लद्दाख में विधानसभा नहींं होगी। इस प्रावधान के बाद सरकार का जो पहला कदम होगा, उसके तहत परिसीमन करना होगा।
इसके लिए परिसीमन आयोग बनाना होगा। मोदी सरकार जल्द ही परिसीमन आयोग (delimitation commission) गठित करेगी। यह आयोग केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के तहत आने वाली विधानसभा व लोकसभा क्षेत्रों का परिसीमन करेगा।जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 87 और लोकसभा की छह सीटें हैं। इनमेें से विधानसभा की चार और लोकसभा की एक सीट लद्दाख में हैै। अब लद्दाख चंडीगढ़ की तरह केंद्र शासित प्रदेश होगा, जहां विधानसभा नहीं होगी।
What is Article 370, Know Here
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा और लोकसभा की कितनी सीटें होंगी, इनका दायरा क्या होगा, ये तय कर परिसीमन आयोग सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा। यहां ध्यान देने की बात यह हैं कि लोकसभा सीटों की संख्या बदली नहीं जाएगी। इसका कारण यह है कि संसद से पारित एक कानून के मुताबिक 2026 तक संसदीय सीटों की संख्या जस की तस रहेगी।
विधानसभा सीटों की संख्या को लेकर जम्मू क्षेत्र के लोगों की शिकायत रही है कि उनका प्रतिनिधित्व सही नहीं है। अभी 4स6 (50 फीसदी से ज्यादा) विधानसभा सीटें कश्मीर में हैं। जम्मू में 37 सीटें हैं। लोकसभा की तीन सीटें कश्मीर और दो जम्मू में हैं। इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि विधानसभा सीटों का परिसीमन करते वक्त आयोग जम्मू के लोगों की शिकायत का ख्याल रखे और कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या कम कर दे।