Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेता ने शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर श्रीनगर में भूख हड़ताल की। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष तारिक कर्रा ने श्रीनगर में एमए रोड स्थित पार्टी मुख्यालय में हड़ताल की शुरुआत की।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कर्रा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता, जिनमें एआईसीसी महासचिव गुलाम अहमद मीर और पार्टी विधायक शामिल थे। यह सभी लोगभूख हड़ताल में शामिल हुए। वहीं, बताया गया है कि रविवार को जम्मू में भी इसी तरह की भूख हड़ताल की जाएगी।
भूख हड़ताल पार्टी के अभियान ‘हमारी रियासत, हमारा हक’ का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए दबाव बनाना है।
बता दें, केंद्र ने 5 अगस्त, 2019 को राज्य का दर्जा घटाकर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। केंद्र ने उस दिन अनुच्छेद 370 और 35ए को भी निरस्त कर दिया था।
मीडिया से बात करते हुए कर्रा ने कहा कि पार्टी ने “दिल्ली की अंधी, बहरी और गूंगी सरकार को जगाने के लिए संघर्ष” शुरू किया है। उन्होंने कहा कि हमने इस दिन को इसलिए चुना, क्योंकि इसी दिन ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ शुरू हुआ था। 9 से 21 अगस्त तक पार्टी जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में छह भूख हड़ताल करेगी।
जेकेपीसीसी अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के 1.40 करोड़ नागरिकों की इच्छाओं और आकांक्षाओं के लिए शांतिपूर्ण भूख हड़ताल शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि चूंकि संसद सत्र चल रहा है, पार्टी जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने से संबंधित किसी भी प्रगति का इंतजार करेगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई प्रगति नहीं होती है तो 21 अगस्त को (जब सत्र समाप्त होगा) नया कार्यक्रम दिया जाएगा।