जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के आर्किटेक्ट डिपार्टमेंट के डीन प्रोफेसर एस एम अख्तर अयोध्या में बनने वाली मस्जिद और उसके निकट कॉम्पलेक्स का डिजायन तैयार करेंगे। यह मस्जिद बाबरी मस्जिद के बदले सुन्नी वक्फ बोर्ड को आवंटित की गई जमीन पर बनेगी।

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार मस्जिद बनाने के लिए धनीपुर गांव में 5 एकड़ जमीन बोर्ड को आवंटित की गई है। जामिया के जनसंपर्क अधिकारी अहमद अज़ीम ने मंगलवार को कहा कि प्रोफेसर अख्तर अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद का डिजाइन करेंगे, जिसका निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर (उत्तर प्रदेश) सरकार द्वारा दी गई वैकल्पिक भूमि पर सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा किया जाएगा। प्रोफेसर अख्तर ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि मस्जिद निर्माण के लिए बोर्ड द्वारा गठित ट्रस्ट, इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) के सचिव अतहर हुसैन ने उन्हें कॉम्प्लेक्स डिज़ाइन करने के लिए चुने जाने की जानकारी दी है।

प्रोफेसर एस एम अख्तर ने कहा, “मैं पूरे परिसर को डिजाइन करूंगा; मस्जिद इसका एक हिस्सा होगा। यह अभी तक तय नहीं किया गया है कि सभी कॉम्प्लेक्स में क्या होंगे, लेकिन उम्मीद है कि एक अस्पताल होगा। कॉम्प्लेक्स की मूल अवधारणा मानवता और समाज की सेवा करना है। उसके लिए, हम कुछ भी निर्माण कर सकते हैं।” उन्होंने कहा, “पूरा परिसर भारत के लोकाचार और इस्लाम की भावना को एक साथ लाएगा।”

अख्तर ने कहा कि उन्हें हाल ही में परिसर का डिजाइन तैयार करने का काम दिया गया था जिसमें भारत-इस्लामी शोध केंद्र, एक पुस्तकालय और एक अस्पताल भी होगा। उन्होंने कहा कि वह बहुत जल्द ही परियोजना पर काम शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा, “यह किसी एक मस्जिद का डिजाइन तैयार करने का सवाल नहीं है। सरकार द्वारा दी गई भूमि पर परिसर तैयार होगा। इस परिसर का उद्देश्य मानवता की सेवा करना होगा। इसका मूल उद्देश्य भारत के लोकाचार और इस्लाम की भावना को एक साथ लाना होगा।”

उन्होंने कहा, “इस्लाम या किसी अन्य धर्म का दर्शन मानवता की सेवा है और यह प्राथमिक उद्देश्य होगा…। प्रयास किया जाएगा कि समाज की सेवा के लिए सभी को एक साथ लाया जाए।” अयोध्या में पांच एकड़ भूखंड पर मस्जिद के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा गठित ट्रस्ट ‘इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ काम की देखरेख करेगा।

उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ भूखंड आवंटित किया है। अख्तर ने कहा, “1,000 से अधिक आर्किटेक्ट मेरे छात्र रहे हैं और वे दुनिया भर में फैले हुए हैं। वे मेरे साथ सहयोग कर सकते हैं। इस परियोजना पर काम करने का विकल्प मेरे वर्तमान छात्रों के लिए भी खुला रहेगा क्योंकि यह उनके लिए सीखने का अनुभव होगा।”

अख्तर ने विश्वविद्यालय के कंप्यूटर केद्र, उसके अस्पताल और यहां तक कि वास्तुकला भवन का भी डिजाइन तैयार किया है। उन्होंने स्थानीय क्षेत्र की योजनाओं के सिलसिले में दिल्ली सरकार के साथ भी काम किया है।