जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने अपने सीनियर प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शाहारे को निलंबित कर दिया है। सीनियर प्रोफेसर के खिलाफ यह कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि उनके द्वारा तैयार किए गए प्रश्नपत्र में पूछे गए एक सवाल को लेकर शिकायत मिली थी। प्रोफेसर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू की गई है।

विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि इस मामले में पुलिस से एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की जाएगी।

विश्वविद्यालय ने बताया है कि एक समिति इस मामले की जांच करेगी और जब तक समिति अपनी रिपोर्ट नहीं देती तब तक समाज कार्य विभाग के प्रोफेसर वीरेंद्र बालाजी शाहारे निलंबित ही रहेंगे।

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क्या था सवाल?

Social Problems in India के एग्जाम में बीए (ऑनर्स) सोशल वर्क सेमेस्टर वन परीक्षा – 2025 में सवाल- “Discuss the atrocities against Muslim Minorities in India giving suitable example.” पूछा गया था। विश्वविद्यालय ने कहा है कि उसे इस संबंध में शिकायत मिली थी और Social Problems in India प्रश्नपत्र प्रोफेसर शाहारे ने तैयार किया था।

विश्वविद्यालय ने आदेश में क्या कहा?

विश्वविद्यालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रोफेसर की लापरवाही को गंभीरता से लिया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि शाहारे को उनके खिलाफ चल रही जांच लंबित रहने तक तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।

आदेश में यह भी कहा गया है कि निलंबन की अवधि के दौरान प्रोफेसर शाहारे का मुख्यालय नई दिल्ली में रहेगा और वे पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे।

यूनिवर्सिटी के इस आदेश के खिलाफ छात्रों ने आवाज बुलंद की है। छात्र संगठन द फ्रेटरनिटी मूवमेंट (जेएमआई) ने प्रोफेसर का निलंबन रद्द करने की मांग की है। संगठन ने कहा है कि प्रश्नपत्र तैयार करने वाले के रूप में शाहारे ने भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर गंभीर सवाल उठाए थे।

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