Sheikh Hasina News: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में ठहरने को उनकी निजी फैसला बताया। उन्होंने कहा कि इसका निर्णय उन परिस्थितियों से प्रभावित है जिनके चलते वे भारत आईं। 78 साल की शेख हसीना पिछले साल अगस्त में भारत आई थीं, जब बांग्लादेश में उनकी 15 साल के शासन का हिंसा के बीच अंत हुआ। इस हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत हुई और हजारों घायल हुए थे। पिछले महीने ढाका की एक स्पेशल कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।
हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2025 के आखिरी दिन चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शेख हसीना के भारत में लंबे समय तक रहने और भारत बांग्लादेश संबंधों पर विस्तार से बात की। उन्होंने स्पष्ट किया कि शेख हसीना का भारत में रहना मूलत: उनका व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन जिन परिस्थितियों में हसीना सत्ता छोड़कर भारत आईं वे इस फैसले के पीछे महत्वपूर्ण कारक हैं। जयशंकर ने कहा कि शेख हसीना एक खास परिस्थिति में भारत आई थीं और मुझे लगता है कि वह परिस्थिति स्पष्ट रूप से इस बात में भूमिका निभाती है कि उनके साथ आगे क्या होगा। लेकिन फिर भी अंतिम फैसला उन्हें ही करना है।
जयशकंर ने यह भी दोहराया है कि भारत ने शेख हसीना को आश्वासन दिया है कि वह जब तक चाहें, भारत में रह सकती हैं। भारत सरकार ने पहले भी कई बार कहा है कि मानवीय आधार पर हसीना को शरण दी गई है और उनकी सुरक्षा तथा सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
भारत बांग्लादेश संबंधों के संदर्भ में जयशंकर ने पड़ोसी देश में लोकतंत्र की मजबूती पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान अंतरिम सरकार के नेताओं ने खुद माना था कि उनका मुख्य विरोध पिछले चुनावों यानी जनवरी 2024 के तरीके से था।
विदेश मंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि हमने सुना था कि बांग्लादेश के लोगों, खासकर जो अब सत्ता में हैं, उनको पहले हुए चुनाव कराने के तरीके से समस्या थी। अगर समस्या चुनाव था, तो सबसे पहले काम तो एक निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव कराना होना चाहिए।
शेख हसीना: एक नजर में पूरी स्थिति
| प्वाइंट | डिटेल्स |
|---|---|
| कौन? | शेख हसीना — बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री, 15 साल शासन |
| कब भारत आईं? | अगस्त 2024, देश में बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों और संकट के दौरान |
| क्यों आईं? | जान का खतरा, राजनीतिक उथल-पुथल, हिंसा, सत्ता परिवर्तन की स्थिति |
| बांग्लादेश में स्थिति | विशेष अदालत ने अनुपस्थिति में ‘क्राइम्स अगेंस्ट ह्यूमैनिटी’ मामले में मौत की सजा सुनाई |
| भारत का रुख | एस. जयशंकर: “वह जिस परिस्थिति में आईं, आगे का फैसला उन्हीं का है” |
| क्या भारत में अनिश्चितकाल रह सकती हैं? | जयशंकर: “उन्हें अपना मन बनाना होगा” (कोई सीधा ‘हां’/‘ना’ नहीं) |
| भारत-बांग्लादेश संबंधों पर प्रभाव | भारत चाहता है कि ढाका में विश्वसनीय, निष्पक्ष और लोकतांत्रिक प्रक्रिया चले |
| जयशंकर का मुख्य संदेश | भारत पड़ोसी देशों में स्थिर लोकतंत्र का समर्थन करता है; बांग्लादेश के लिए शुभकामनाएं |
| अगला कदम किसके हाथ में? | शेख हसीना तय करेंगी कि भारत में रहेंगी या बांग्लादेश लौटेंगी |
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एस जयशंकर ने दोनों देशों के रिश्ते को लेकर आशा जताई। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने पड़ोसी के प्रति लोकतांत्रिक प्राथमिकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जहां तक हमारा संबंध है, हम बांग्लादेश के लिए शुभकामनाएं देते हैं। हम एक लोकतांत्रिक देश के रूप में सोचते हैं, कोई भी लोकतांत्रिक देश लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से लोगों की इच्छा को सुनिश्चित होते देखना पसंद करता है।
जयशकंर ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जो भी निकलेगा, उसमें संबंधों के बारे में संतुलित और परिपक्व दृष्टिकोण होगा और उम्मीद है कि चीजें बेहतर होंगी।
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