सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी ने सोमवार को कहा वह अपने नेटवर्क पर फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने को प्रतिबद्ध हैं। पर साथ ही उन्होंने कहा कि बहुआयामी प्रकृति की इस समस्या का कोई एक पक्का समाधान नहीं है। ट्विटर भारत को अपने प्राथमिक बाजारों में मानता है। उसके प्लेटफॉर्म पर भारत के कई राजनेता और दूसरे लोग दर्ज हैं जो कि चुनावों के समय स्थानीय लोगों और मतदाताओं के साथ संपर्क में रहने के लिए उसके प्लेटफार्म का काफी जोर-शोर से इस्तेमाल करते हैं। आइआइटी दिल्ली में आयोजित टाउनहॉल को संबोधित करते हुए डोरसी ने कहा कि कई बार विचार-विमर्श के बाद यह महत्त्वपूर्ण माना गया है कि इस समस्या के मामले में हम जितना सख्त हो सकें उतना किया जाए क्योंकि फर्जी खबर अथवा गलत सूचनाओं को किसी एक श्रेणी में वर्गीकृत करना बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि यदि कुछ संदेश भ्रामक अथवा फर्जी पाए जाते हैं तो यह कंपनी का काम है कि यह सुनिश्चित करे की ऐसी सूचना को अलग किया जाए और प्रसारित होने से रोका जाए। यदि जारी की गई सूचना की मंशा ठीक नहीं है, तो हमें यह समझना होगा और इस तरह की सूचना को अलग करना होगा। उसके बाद यह हमारा काम है कि यह आगे नहीं फैले और देखना होगा कि यह अपनी तय सीमा को पार नहीं करे।
आधे से अधिक नौजवान बदलाव के लिए करते हैं मतदान: भारत के 53 फीसद नौजवान चुनावों में बदलाव के लिए मतदान करते हैं। यह तथ्य माइक्रोबॉगिंग वेबसाइट ट्विटर के एक सर्वेक्षण में सामने आया है। ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोरसी की और से आइआइटी दिल्ली में हैशटैग पावरआॅफ18 अभियान की शुरुआत के समय यह सर्वेक्षण भी जारी किया गया। जैक ने इस मौके पर आइआइटी के विद्यार्थियों व शिक्षकों से भी बात की और उनके सवालों के जवाब भी दिए।
सर्वेक्षण में शामिल 94 फीसद युवाओं ने कहा कि वे आने वाले चुनावों में अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। वहीं, 87 फीसद ने कहा कि मतदान उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाता है। सर्वेक्षण में सोशल मीडिया के महत्त्व के बारे में भी सवाल पूछे गए। इसके मुताबिक 57 फीसद युवा देश और विदेश में होने वाली घटनाओं के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं। ट्विटर का इस्तेमाल करने वाले 69 फीसद हमेशा राजनीतिक खबरों से अपडेट रहते हैं जबकि ट्विटर का उपयोग नहीं करने वाले 44 फीसद ही ऐसा कर पाते हैं। दो-तिहाई भारतीय युवा मानते हैं कि ट्विटर पर पोस्टिंग करने से वह सार्वजनिक चर्चा में भागीदारी निभाते हैं। ट्विटर का उपयोग करने वाले और इस्तेमाल नहीं करने वाले 3622 लोगों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया। इनकी आयु 18 से 30 साल के बीच थी। यह सर्वेक्षण 24 सितंबर से 19 अक्तूबर 2018 के बीच किया गया।