पाकिस्तान में दशक भर से ज्यादा वक्त गुजारने के बाद अक्तूबर में भारत लौटी गीता की मां होने का दावा करते हुए जबलपुर की 40 साल की एक महिला मंगलवार को यहां पहुंची और जिला प्रशासन से इस मूक-बधिर लड़की से मुलाकात की मंजूरी मांगी। प्रभारी कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया, ‘जबलपुर निवासी अनीसा बी ने हमें आवेदन देकर दावा किया है कि गीता और कोई नहीं, बल्कि उनकी बेटी नज्जो है, जो नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव से करीब 13 साल पहले गुम हो गई थी। इस महिला ने आवेदन के साथ अपनी गुम बेटी का पासपोर्ट आकार का चित्र भी संलग्न किया है।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त संचालक को अनीसा के आवेदन की जांच करने और इसके बाद इसे केंद्र सरकार को भेजने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार ही तय करेगी कि इस महिला को गीता से मुलाकात की मंजूरी दी जाए या नहीं।’ सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन को पहले भी ऐसे चार परिवारों के आवेदन मिल चुके हैं, जिन्होंने गीता को अपनी बेटी बताते हुए उससे मुलाकात की मंजूरी मांगी थी। ये आवेदन भी केंद्र सरकार को भेज दिए गए थे।
गीता सात-आठ साल की उम्र में पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी। उसे ईधी फाउंडेशन की बिलकिस ईधी ने गोद लिया और अपने साथ कराची में रखा था। पाकिस्तान में दशक भर से ज्यादा वक्त गुजारने के बाद गीता 26 अक्तूबर को भारत वापस लौटी थी। गीता इन दिनों जिला प्रशासन की निगरानी में एक स्थानीय मूक-बधिर संगठन के आवासीय परिसर में रह रही है। वह इस परिसर में तब तक रहेगी, जब तक सरकार उसके परिवार को खोज नहीं लेती।