जयललिता के 22 सितंबर से अस्पताल में भर्ती होने के कारण तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने मंगलवार (11 अक्टूबर) को वे सारे विभाग वित्त मंत्री ओ पनीरसेल्वम को सौंप दिये जो जयललिता के पास थे लेकिन साथ ही कहा कि अन्नाद्रमुक प्रमुख ही मुख्यमंत्री रहेंगी। राजभवन की ओर से मंगलवार जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘भारतीय संविधान के अनुच्छेद 166 के खण्ड तीन के तहत तमिलनाडु के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री जे जयललिता द्वारा देखे जा रहे विषयों को ओ पनीरसेल्वम को सौंप दिया।’’ जयललिता के पास पुलिस, गृह और सामान्य प्रशासन सहित कई अन्य विभाग की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही कहा गया है कि पनीरसेल्वम ही मंत्रिमंडल की बैठकों की अध्यक्षता भी करेंगे।

गौरतलब है कि उनके पास वित्त के अलावा प्रशासनिक सुधार विभाग पहले से है। विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘मुख्यमंत्री के सुझाव पर यह व्यवस्था की गयी है और मुख्यमंत्री के कार्यभार संभालने तक यह जारी रहेगी।’’इसमें साथ ही कहा गया है, ‘‘जयललिता मुख्यमंत्री बनी रहेंगी।’’बुखार और निर्जलीकरण की शिकायत के बाद जयललिता (68 साल) को 22 सितंबर को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार अस्पताल की ओर से कहा गया था कि उनका उपचार जारी है।

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जयललिता के लिए पूरे तमिलनाडु के लोग प्रार्थना कर रहे हैं। इसके अलावा कई बड़े नेता भी उन्हें देखने के लिए हॉस्पिटल पहुंचे थे। जम्मू कश्मीर के मंत्री, केरल के राज्यपाल के अलावा कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी जयललिता को देखने के लिए हॉस्पिटल पहुंचे थे। कुछ लोगों ने तो जयललिता के लिए प्रार्थना करने के दौरान अपनी जान तक की बाजी लगा दी थी। इस बीच जयललिता की कुछ फर्जी फोटोज और झूठी खबरें भी सामने आई थीं। जिनका राज्य सरकार को खंडन करना पड़ा था।

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