Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बाल तस्करी में मुद्दे पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि स्थिति बदतर होती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस से किडनैप किए गए नवजात शिशुओं को खोजने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के लिए कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि दिल्ली के अंदर और बाहर नवजात शिशुओं को किडनैप करने और उन्हें बेचने में शामिल गिरोहों के मुद्दे की जांच के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को चार हफ्ते का टाइम देते हुए कहा कि वह बाल तस्करी में शामिल गिरोह के सरगना और अपहृत शिशुओं का पता लगाए और प्रगति के बारे में अदालत को सूचित करे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “वे (बाल तस्करी गिरोह) समाज के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। खरीद-फरोख्त बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। आपको नहीं पता कि वे कहां पहुंच जाते हैं। अगर कोई लड़की है तो आपको पता है कि वह कहां पहुंच जाएगी। यह बहुत गंभीर स्थिति है।”

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‘ऐसा लगता है माता-पिता ने ही अपने शिशुओं को बेचा’

न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस। आर महादेवन की बेंच ने द्वारका क्षेत्र में कई नवजात शिशुओं की तस्करी के मामले की जांच का जिम्मा संभाल रहे दिल्ली पुलिस के एक निरीक्षक से बातचीत के दौरान ये टिप्पणियां कीं।

जस्टिस पारदीवाला ने कहा, “स्थिति बद से बदतर होती प्रतीत हो रही है।”

उन्होंने संबंधित पुलिस थाने को गिरोह की सरगना पूजा को गिरफ्तार करने और तीन लापता शिशुओं का पता लगाने के लिए हर आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। बेंच ने शिशुओं की तस्करी में माता-पिता की कथित संलिप्तता को गंभीरता से लेते हुए कहा, “आपको पता नहीं होता कि ये बच्चे कहां पहुंचेंगे। आप जानते हैं कि ऐसी कोई बच्ची कहां पहुंचती है?”

जस्टिस ने कहा, “दुर्भाग्य की बात यह है कि ऐसा लगता है कि माता-पिता ने ही अपने शिशुओं को बेचा।”

बेंच ने मामले की सुनवाई चार हफ्ते बाद के लिए स्थगित कर दी और पुलिस अधिकारी से उसे मामले में उठाए गए कदमों से अवगत कराने को कहा। बेंच ने कहा, “आपको इन लापता बच्चों को किसी भी कीमत पर ढूंढना होगा और सरगना को गिरफ्तार करना होगा।”

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