ट्रेन में यात्रा के दौरान बिना पूछे किसी अन्य की बोतल से पानी पीने के मामूली विवाद में बिहार के कुछ युवकों द्वारा मध्यप्रदेश के एक युवक को लगभग चार घंटे तक चलती ट्रेन की खिड़की से उलटा लटकाने की घटना की विस्तृत जांच और आरोपियों की फिर से गिरफ्तारी के लिए शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने चार दल गठित किए हैं। इस घटना के सिलसिले में जीआरपी ने एक एसआइ और रेलवे ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक एसआइ और आरक्षक को निलंबित कर दिया है। भोपाल रेलवे पुलिस अधीक्षक ए गोस्वामी ने गुरुवार को बताया कि घटना के बाद पटना निवासी तीन युवकों- विक्की, रवि और बलराम को 25 मार्च को इटारसी रेलवे स्टेशन पर भादवि की धारा 323, 294 और 34 के तहत गिरफ्तार किया गया था। बाद में इन्हें अदालत की अनुमति से रिहा किया गया।

उन्होंने बताया कि घटना का वीडियो सामने आने के बाद आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 342, 307 और रेलवे एक्ट की धारा 153 भी लगाई गई है और आरोपियों की पुन: गिरफ्तारी और सहयात्रियों के बयान के लिए जीआरपी ने चार जांच दल गठित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जीआरपी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनोकामना प्रसाद को इस घटना की जांच का जिम्मा सौंपा गया है और इस सिलसिले में जीआरपी के सहायक उपनिरीक्षक केएस जादौन को निलंबित किया गया है। इस बीच, पश्चिम-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुरेंद्र यादव ने बताया कि आरपीएफ के उपनिरीक्षक अनिल राय और आरक्षक मधुसुदन को निलंबित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि 25 मार्च को रात को जबलपुर से पाटलीपुत्र एक्सप्रेस में सवार हुए जबलपुर निवासी युवक सुमित काछी को पटना से मुंबई जा रहे कुछ युवकों ने बिना इजाजत बोतल से पानी पीने के मामूली विवाद में कथित तौर पर जबलपुर से इटारसी तक 250 किलोमीटर से अधिक दूरी तक ट्रेन की खिड़की से उलटा लटका दिया था। कुछ वेंडरों द्वारा युवक को इटारसी रेलवे स्टेशन पर छुड़ाया गया और इटारसी में भी आरोपी युवकों ने पीड़ित युवक को बेल्ट से पीटा था। इटारसी में आरोपी युवकों को जीआरपी द्वारा मारपीट की घटना में गिरफ्तार कर बाद में रिहा कर दिया गया था। एक वेंडर द्वारा घटना का रिकार्ड किया गया वीडियो मीडिया में प्रसारित हुआ और यह रोंगटे खड़े करने वाली घटना प्रकाश में आई।