Nimisha Priya News: सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी रोकने के लिए वह कुछ खास नहीं कर सकती। लाइव लॉ ने सरकार के वकील एजी वेंकटरमणी के हवाले से कहा, ‘यमन की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार कुछ नहीं कर सकती। इसे कूटनीतिक रूप से मान्यता नहीं दी गई है।’
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच के सामने इस मामले की सुनवाई हो रही थी। याचिकाकर्ता सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल संगठन की तरफ से कोर्ट में बताया गया कि प्रिया का परिवार और समर्थक पीड़िता के परिवार के साथ ‘ब्लड मनी’ पर बातचीत कर रहे हैं, ताकि शरीयत कानून के तहत उसे माफ किया जा सके। याचिकाकर्ता-संगठन ने आग्रह किया कि केंद्र सरकार डिप्लोमेटिक चैनल्स से बातचीत में मदद कर सकती है।
सरकार कुछ खास नहीं कर सकती – सरकार
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने अपनी ओर से पूरी कोशिश करने पर जोर देते हुए यह भी कहा कि प्रिया के परिवार द्वारा की जा रही ब्लड मनी की बातचीत पूरी तरह से एक निजी मामला है। अटॉर्नी जनरल ने कहा, ‘यमन की संवेदनशीलता को देखते हुए, सरकार कुछ खास नहीं कर सकती। इसे कूटनीतिक स्तर पर मान्यता नहीं मिली है। एक सीमा है जहां तक भारत सरकार जा सकती है। हम वहां पहुंच चुके हैं। यमन दुनिया के किसी भी अन्य हिस्से जैसा नहीं है। हम सार्वजनिक रूप से जाकर स्थिति को जटिल नहीं बनाना चाहते, हम निजी स्तर पर कोशिश कर रहे हैं।’ जस्टिस मेहता ने कहा कि मामला बेहद ही दुखद है।
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कोर्ट ने याचिकाकर्ता की इस बात पर जताई हैरानी?
याचिकाकर्ता ने मौत की सजा ना दिए जाए की प्रार्थना की तो इस बात पर कोर्ट ने हैरानी जताई और कहा कि वह किसी विदेशी राष्ट्र के संबंध में ऐसा आदेश कैसे पारित कर सकता है। जस्टिस मेहता ने कहा, ‘हम यह आदेश कैसे पारित कर सकते हैं? इसका पालन कौन करेगा।’
कौन हैं निमिषा प्रिया?
केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली नर्स प्रिया 2008 में यमन चली गईं और अपना क्लिनिक खोलने से पहले अस्पतालों में काम किया। 2017 में, कथित तौर पर पैसों की हेराफेरी को लेकर उनका अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी से विवाद हो गया था। उनके परिवार के अनुसार, उन्होंने अपना जब्त पासपोर्ट वापस पाने के लिए उन्हें बेहोशी का इंजेक्शन लगाया, लेकिन उसकी खुराक से उनकी मौत हो गई। प्रिया को देश से भागने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया था और 2018 में उसे हत्या का दोषी ठहराया गया था। सना की एक ट्रायल कोर्ट ने उसे 2020 में मौत की सजा सुनाई और यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में फैसले को बरकरार रखा। कंबल पर उल्टा लिटाकर जल्लाद मारता है गोलियां