केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि एक बार कर्ज नहीं चुका पाने वाले ‘विजय माल्या जी’ को चोर कहना गलत है। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के मुताबिक, गुरुवार (13 दिसंबर) को टाइम्स ग्रुप के आर्थिक सम्मेलन में वह बोले, “संकट से जूझ रहे उद्योगपति का चार दशक तक ठीक समय पर कर्ज चुकाने का रिकार्ड रहा है।” हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने साफ किया कि उनका माल्या के साथ किसी तरह का कारोबार संबंधी लेना-देना नहीं है।
बकौल गडकरी, “40 साल माल्या नियमित भुगतान करता रहा था। ब्याज भर रहा था। 40 साल बाद जब वो एविएशन में गया…उसके बाद वो अड़चन में आया तो वह एकदम से चोर हो गया? जो 50 साल ब्याज भरता है वो ठीक है, पर एक बार वह डिफॉल्ट हो गया…तो तुरंत सब फ्रॉड हो गया? ये मानसिकता ठीक नहीं है।”
केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया, “मैं जिस कर्ज का जिक्र कर रहा हूं, वह महाराष्ट्र सरकार की इकाई सिकॉम द्वारा माल्या को दिया गया था। यह कर्ज 40 साल पहले दिया गया था। यह कर्ज माल्या ने बिना रुके वक्त पर चुकाया था। किसी भी कारोबार में उतार-चढ़ाव आते हैं। अगर किसी को दिक्कत आती है तो उसका समर्थन किया जाना चाहिए।”
गडकरी के मुताबिक, कारोबार में जोखिम होता है। चाहे बैंकिंग हो या बीमा, उतार-चढ़ाव तो आते हैं। अगर अर्थव्यवस्था में वैश्विक या आंतरिक कारणों मसलन मंदी के चलते गलतियां बुनियादी हों तो जो शख्स समस्याएं झेल रहा है, उसका समर्थन किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “अगर नीरव मोदी या विजय माल्या जी ने वित्तीय धोखाधड़ी की है तो उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए, पर अगर कोई परेशानी में आता है और हम उस पर धोखेबाज का लेबल दे देते हैं तो हमारी अर्थव्यवस्था प्रगति नहीं कर सकती।”
बता दें कि हाल में यूनाइटेड किंगडम स्थित वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने भगोड़े शराब कारोबारी को भारत को सौंपने का निर्देश दिया था। माल्या पर भारत के विभिन्न बैंकों से तकरीबन 9,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सरकार को भगोड़े कारोबारी को देश वापस लाने के प्रयास में बड़ी सफलता हासिल हुई है।