तुर्की में साल 2016 के खूनखराबे के बाद बेहतर भविष्य की उम्मीदों के साथ एक नाइटक्लब में नव वर्ष का जश्न मना रहे लोगों पर एक व्यक्ति ने अंधाधुंध गोलीबारी की जिसमें कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई तथा कई लोग घायल हो गए। मरने वालों में दो भारतीय भी शामिल हैं। यह जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दी। विदेश मंत्री ने कहा, ‘तुर्की से एक बुरी खबर है। इस्तांबुल आतंकी हमले में हमने दो भारतीय नागरिक खो दिए। भारतीय राजदूत इस्तांबुल जा रहे हैं।’ यह जानकारी उन्होंने ट्वीट करके दी। हमले में मरने वाले भारतीय नागरिकों की पहचान अबीस रिजवी और खुशी शाह के रूप में हुई है। रिजवी पूर्व राज्यसभा सांसद के बेटे थे। शाह गुजरात की रहने वाली थीं।

तुर्की के अधिकारियों ने बताया कि रियान क्लब में गोलीबारी करने से पहले हमलावर ने प्रवेश द्वार पर खड़े एक पुलिस कर्मी और एक असैन्य नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। रियान क्लब में अक्सर बड़ी पार्टियों और समारोह का आयोजन किया जाता है। गृह मंत्री सूलेमान सोयलू ने बताया कि हमलावर वहां से फरार हो गया और अब उसके लिए एक बड़ा तलाशी अभियान शुरू किया गया है जिससे उम्मीद है कि वह ‘जल्द पकड़ा जाएगा’।

सोयलू ने टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान में कहा कि 21 पीड़ितों की पहचान की गई है और उनमें से 16 विदेशी और पांच तुर्की के हैं। अन्य 69 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। शहर के गवर्नर वासिप साहिन ने कहा ‘उसने बेकसूर लोगों पर बेहद निर्ममता से गोलीबारी की जो यहां नववर्ष का जश्न मनाने आए थे।’ एनटीवी टीवी के अनुसार कुछ लोग बचने के लिए पानी में भी कूद गए। दोगन समाचार एजेंसी ने बताया कि वहां सांता क्लॉज के भेष में दो हमलावर थे हालांकि इसकी पुष्टि की जानी बाकी है।

साहिन ने कहा कि ओर्ताकोए जिले में स्थानीय समयानुसार तड़के एक बज कर करीब 45 मिनट पर रियाना नाइटक्लब में हमला किया गया। उन्होंने कहा, ‘जो आज हुआ वह एक आतंकी हमला है।’