देश के प्रमुख मुसलिम संगठनों ने आइएसआइएस को सोमवार आतंकी संगठन घोषित करते हुए इस्लाम के नाम पर चलाई जा रही उसकी हिंसक गतिविधियों की एक सुर में निंदा की। साथ ही भारत सरकार से मांग की कि आइएसआइएस एवं अलकायदा से कथित तौर पर संबंध रखने के आरोप की जा रही गिरफ्तारियों के सिलसिले को बंद किया जाए क्योंकि भारतीय मुसलिम समाज का इन संगठनों से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है।

जमात-ए-इस्लामी हिंद, आॅल इंडिया मुसलिम मजलिस-ए-मुशाविरत, जमीयत उलेमा-ए-हिंद, जमीयत अहले हदीस, आॅल इंडिया मिल्ली काउंसिल और वेलफेयर पार्टी आॅफ इंडिया ने यहां भारतीय प्रेस क्लब में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आइएसआइएस की एक सुर में भर्त्सना की।
इन संगठनों ने कहा, ‘आइएसआइएस एक आतंकवादी संगठन है जिसका इस्लाम और इस धर्म की शिक्षाओं से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है। हम इस संगठन की ओर से इस्लाम के नाम पर फैलाई जा रही हिंसा की निंदा करते हैं।’ मुसलिम बाकी पेज 8 पर उङ्मल्ल३्र४ी ३ङ्म स्रँी ८
संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे के समय दिए गए एक बयान और हाल ही में राजनाथ सिंह के एक वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय मुसलिम नौजवानों का आइएसआइएस से संबंध नहीं है क्योंकि भारतीय मुसलिम समाज ने हमेशा आतंकवाद को खारिज किया है।
इन संगठनों ने कहा, ‘हाल ही में आतंकवाद विरोधी सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय मुसलमान देशभक्त हैं और आइएसआइएस हमारे यहां के मुसलिम नौजवानों को रिझाने में नाकाम रहा है। इसी तरह की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिकी दौरे के समय की थी। परंतु गणतंत्र दिवस के ठीक पहले आइएसआइएस के संबंध रखने के आरोप में कई लोगों की गिरफ्तारी की गई जिससे यह संदेश गया कि भारतीय मुसलिम नौजवान न सिर्फ आइएसआइएस से जुड़े हैं, बल्कि पूरे देश में हमले की तैयारी कर रहे हैं, जबकि हकीकत इसके पूरी तरह उलट है।’

देश के प्रमुख मुसलिम संगठनों ने कहा, ‘पहले भी देखा गया है कि जिन नौजवानों की गिरफ्तारियां की गई उनको अदालतों ने बरी कर दिया। हमें उम्मीद है कि आइएसआइएस के नाम पर जिन नौजवानों की गिरफ्तारियां की गई हैं, वे भी छूट जाएंगे। परंतु इनकी वर्षा ें की जिंदगी बर्बाद होने की भरपाई कौन करेगा। हमारी मांग है कि सरकार को गिरफ्तारियों के इस सिलसिले को तत्काल बंद करना चाहिए।’
गौरतलब है कि एनआइए ने गणतंत्र दिवस से पहले देश के कुछ शहरों से ऐसे कई लोगों की गिरफ्तारी की जिन पर आइएसआइएस से संबंध रखने और देश में आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप है। उन्होंने केंद्र सरकार से गिरफ्तारियों का सिलसिला बंद करने के साथ ही कई दूसरी मांगें भी की।

इन संगठनों ने कहा, ‘जिन नौजवानों के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो पाए और जो अदालतों से बरी हो गए उनके लिए उचित मुआवजे की व्यवस्था की जाए। साथ ही इनको फंसाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।’ उन्होंने यूएपीए और मकोका जैसे कानूनों को खत्म करने और आतंकवाद के मामलों के संदर्भ में मानवाधिकार, सिविल सोसायटी तथा कुछ दूसरे क्षेत्रों के लोगों को लेकर एक कोर समूह बनाने की भी मांग की है।