एल्गार परिषद के एक हालिया भाषण पर बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि शरजील उस्मानी नाम का एक शख्स नफरत भरी सोच के साथ पुणे आता है और हिंदुओं को बुरा भला कहता है। राज्य सरकार को उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। क्या महाराष्ट्र में मुगल शासन है कि कोई भी हिंदुओं को बुरा-भला कहेगा और कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी ?
पूर्व मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को पता है कि (एल्गार) परिषद केवल नफरत पैदा करने का काम करती है, उन्होंने इससे पहले भी ऐसा किया है। यदि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो भाजपा इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी, और यह स्पष्ट होगा कि ठाकरे सरकार के समर्थन से ये बयान दिया गया था।
बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी ने पुणे में हाल ही में आयोजित एल्गार परिषद के सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान हिंदुओं की भावनाओं का अपमान किया था और उन्होंने उस्मानी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने भाजपा की मांगों के बावजूद उस्मानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की। पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा, “एक वीडियो में, शरजील उस्मानी एल्गार परिषद में बोल रहा है। उस्मानी ने हिंदू समुदाय की भावनाओं का अपमान किया है। एक व्यक्ति महाराष्ट्र में आता है, हमारी भावनाओं का अपमान करता है, और बिना किसी कानूनी कार्रवाई का सामना किए अपने गृह राज्य लौट जाता है।
फडणवीस ने कहा कि अगर राज्य सरकार उसके खिलाफ कोई कार्रवाई करने में विफल रहती है, तो हम मान लेंगे कि सरकार उस्मानी के साथ है। गौरतलब है कि यह सम्मेलन शनिवार को आयोजित किया गया था और इसमें भाग लेने वालों में प्रख्यात उपन्यासकार अरुंधति रॉय, पूर्व आईपीएस अधिकारी एस एम मुशरिफ, बम्बई उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी जी कोलसे-पाटिल और उस्मानी शामिल थे।